महाकुंभनगर, 26 दिसंबर (भाषा) संन्यासियों के तीसरे अखाड़े श्री शंभू पंचदशनाम अग्नि अखाड़े ने बाजे-गाजे के साथ महाकुम्भ नगर में बृहस्पतिवार को छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। शहर के बीच से गुजरी इस भव्य छावनी प्रवेश यात्रा का स्थानीय लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
अनंत माधव स्थित अग्नि अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से आरम्भ हुई इस छावनी प्रवेश यात्रा में वैदिक संस्कृति और प्रतीकों की झलक देखने को मिली। शंख ध्वनि और डमरू की थाप पर वैदिक मंत्रोच्चार ने यात्रा में वैदिक युग की अनुभूति प्रदान की। घोड़े और ऊंट के काफिले पर सवार संतों के दर्शन के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा।
अग्नि अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि प्रवेश यात्रा में पांच महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर के अलावा अखाड़े के हजारों संत और वेद विद्यार्थी शामिल हुए।
अग्नि अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा अब तक संपन्न हुई सभी अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा में सबसे लंबी थी। चौफटका के अनंत माधव मंदिर से छावनी क्षेत्र पहुंची संतों की इस यात्रा ने 13 किलोमीटर का सफर तय किया। इस यात्रा में आधा दर्जन ऊंट, 15 घोड़े, 60 रथ की व्यवस्था की गई थी।
अग्नि अखाड़े की प्रवेश यात्रा का एक तिहाई मार्ग शहर पश्चिमी में पड़ा जहां कभी माफिया अतीक अहमद का आतंक था और इस तरह की भव्य शोभा यात्राओं का आयोजन लोगों के लिए एक दिवास्वप्न होता था।
जिस समय यह यात्रा उस इलाके से गुजरी, स्थानीय लोगों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पूरे मार्ग को पाट दिया। स्थानीय नागरिक पूरन जायसवाल ने कहा कि पूज्य संतों की इस भव्य यात्रा के दर्शन दशकों बाद हुए हैं।
भाषा राजेंद्र रंजन
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