लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शशांक मिश्रा, जिसने कथित तौर पर 25 लाख रुपये का दहेज में “छुप-छुपा” कर लेने की मांग की थी. इंस्पेक्टर ने अपनी गर्भवती पत्नी को अपनी ही सर्विस पिस्तौल से गोली मारने का आरोप है उसे यूपी पुलिस ने निलंबित कर दिया है.
महिला की हालत फिलहाल स्थिर है और उसका इलाज झांसी मेडिकल कॉलेज से चल रहा है.
मिश्रा ने कथित तौर पर 8 अक्टूबर की रात को अपनी पत्नी पर तीन बार गोलियां चलाईं. सोमवार को निलंबित होने से पहले वह आखिरी बार झांसी में बंगरा पुलिस चौकी के प्रभारी के रूप में तैनात था. उसके परिवार के सदस्यों पर भी महिला के साथ क्रूरता, उत्पीड़न, धमकी और हत्या के प्रयास करने का आरोप है.
महिला के पिता ने सोमवार को मिश्रा, उसकी मां, छोटे भाई, दो बहनों और बहनोई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
एफआईआर आईपीसी की धारा 498-ए (पति/रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा), 506 (आपराधिक धमकी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 354 (यौन उत्पीड़न), 307 (हत्या का प्रयास) और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत दर्ज की गई थी, दिप्रिंट के पास एफआईआर की कॉपी है.
झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजेश एस ने पुष्टि की थी कि सब-इंस्पेक्टर ने अपनी पत्नी पर गोली चलाई, जिससे उसके दाहिना हाथ में चोट आई. उन्होंने मीडिया को बताया, “वह अब खतरे से बाहर है. आरोपी सब-इंस्पेक्टर को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. ”
गुरुवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, मिश्रा के ससुर, जो खुद यूपी पुलिस के सब-इंस्पेक्टर हैं, ने आरोप लगाया कि “उनके (मिश्रा) परिवार को यह पसंद नहीं था कि हमने एक तिलक समारोह के दौरान रिश्तेदारों के सामने दहेज दिया.”
उन्होंने कहा, “हमें उनके इरादों पर संदेह था लेकिन हमने सोचा कि दूल्हा यूपी पुलिस में सेवारत है और हमारी बेटी को खुश रखेगा. वह मेरी इकलौती बेटी है.”
दिप्रिंट ने कॉल के ज़रिए मिश्रा से संपर्क किया, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया.
गुरुवार को मिश्रा के तिलक समारोह की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो गईं.
Shashank Mishra,
a UP police sub-inspector stationed in Jhansi,
is accused of shooting at his pregnant wife many times.
The wife said she has been harassed by her in-laws over the #dowry.There has also been a photo of Shashank Mishra's #Tilak_ceremony from 2021. pic.twitter.com/nzEf3QotT4
— भूमिका_हिन्दू (@bhoomika_hindu) October 12, 2023
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दहेज की मांग और उत्पीड़न
महिला के पिता ने दिप्रिंट को बताया कि दिसंबर 2021 में शादी संपन्न होने के तुरंत बाद मिश्रा के परिवार ने उनकी बेटी को परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने शादी पर 40 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन फिर भी लड़की के ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए और उनसे और पैसे और सोने के आभूषणों की मांग की.
उन्होंने कहा कि वे परिवार को मिश्रा के दिवंगत पिता के माध्यम से जानते थे, जो 2015 में अपनी मृत्यु तक सहायक उप-निरीक्षक के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने कहा, “मेरा बड़ा भाई उसके पिता को जानता था जो एक सज्जन व्यक्ति थे. दोनों परिवारों के पुरुष यूपी पुलिस में कार्यरत थे. हमें नहीं पता था कि वे इतने लालची और अहंकारी निकलेंगे.”
दहेज की मांग के बारे में बात करते हुए, पिता ने दावा किया, “उन्होंने (मिश्रा) जोर देकर कहा कि पैसे उन्हें उनके घर पर एक सूटकेस में दिए जाएं, लेकिन हमने उन्हें तिलक समारोह के दौरान सार्वजनिक रूप से नकदी दे दी.”
उन्होंने आरोप लगाया, ”यह उन्हें अच्छा नहीं लगा.” उन्होंने आगे कहा कि मिश्रा के छोटे भाई शिवांक ने शादी के दौरान उनके रिश्तेदारों के साथ भी दुर्व्यवहार किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच बहस हुई.
पिता ने एफआईआर में आरोप लगाया कि, हालांकि उन्होंने दहेज में मिश्रा को सोने के आभूषणों के साथ 25 लाख रुपये नकद और 6 लाख रुपये का फर्नीचर दिया था, लेकिन परिवार ने कथित तौर पर उनकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार करना जारी रखा.
उन्होंने आरोप लगाया कि उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर रहना पड़ता था, क्योंकि मिश्रा का परिवार उसे झांसी में उसके मायके भेज देता था.
उन्होंने आरोप लगाया कि मिश्रा ने कथित तौर पर शराब के नशे में उसे कई बार थप्पड़ मारे, “जब भी वह हमसे मिलने आती, उसके पास पैसे नहीं होते. उसकी जरूरतों का ध्यान भी हमें ही रखना होता था वह पूरी तरह से हम पर निर्भर थी.”
‘मिश्रा ने चुप रहने को कहा’
पिता ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी बेटी का उसके भाई शिवांक ने यौन उत्पीड़न किया.
महिला के भाई ने दिप्रिंट को बताया, “मिश्रा ने उसे चुप रहने और सभी को खुश रखने के लिए कहा. वह अपने भाई और मां के दबाव में था क्योंकि उसके पिता के निधन के बाद उसे अनुकंपा के आधार पर यूपी पुलिस की नौकरी मिली थी. दोनों उस पर दबाव बनाते थे. शिवांग कहता था कि चूंकि मिश्रा को उनके पिता की नौकरी मिली है, इसलिए उसकी कमाई पर भी उसका अधिकार है.”
घटना के बाद, महिला के परिवार ने मार्च में आईजीआरएस पोर्टल – यूपी सरकार की एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली – पर मिश्रा परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज की.
उसके पिता के अनुसार, एक स्थानीय पुलिस अधिकारी द्वारा दोनों परिवारों के बीच समझौता कराने से पहले महिला ने कई महीने अपने माता-पिता के घर में बिताए.
भाई ने कहा, “शिकायत सर्कल अधिकारी (शहर) राजेश राय तक पहुंची, जिन्होंने शिकायत की जांच की और इस साल 8 अप्रैल को दोनों पक्षों में समझौता कराया. सीओ ने हमें आश्वासन दिया कि हमारी बेटी को आगे परेशान नहीं किया जाएगा और मिश्रा उसे 16 मई, 2023 को उसके ससुराल ले गए. ”
राय ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि उन्होंने परिवार के आवेदन की जांच की है. उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों से इस मुद्दे पर चर्चा कराई गई और समझौता कराया गया. अगर वह अपनी पत्नी को नहीं रखेगा तो कौन रखेगा? मुझे नहीं पता कि बाद में क्या हुआ. उन्हें एक सरकारी आवास आवंटित किया गया है, लेकिन उन्होंने अभी भी अपनी पत्नी को किराए के आवास पर रखा है, जबकि उनका परिवार आवंटित आवास में रह रहा है.”
गर्भावस्था ने पूरी शांति भंग कर दी
रक्षाबंधन (30 अगस्त) पर महिला के माता-पिता उसे फिर से घर ले आए. पिता ने कहा, “इस बार, हमने उसे 20 दिनों तक वापस नहीं भेजा. हालांकि, जब हमें पता चला कि वह दो महीने की गर्भवती है, तो मिश्रा को सूचित किया गया और वह उसे अपने साथ बंगरा में एक किराए के मकान में ले गया, लेकिन वह सप्ताह में दो बार अपने माता-पिता से मिलने जाता था.”
8 अक्टूबर को, जब मिश्रा देर से घर लौटे, तो महिला ने उनसे सवाल किया कि उन्होंने उसे क्यों नहीं बताया कि उन्हें देर हो जाएगी, लेकिन इसे मिश्रा ने नजरअंदाज कर दिया.
पिता ने कहा, “वह बिस्तर पर लेटा हुआ था और उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर मेज पर रखी थी. मेरी बेटी ने उसकी पीठ थपथपाई और पूछा कि वह जवाब क्यों नहीं दे रहा है, जिससे वह गुस्सा हो गया.”
पिता ने कहा कि उसे डर था कि वह उसे अपनी बेल्ट से मारेगा, जैसा कि उसने पहले किया था, लेकिन उसने इसके बजाय अपनी रिवॉल्वर ली और उस पर तीन बार गोली चलाई.
उन्होंने आरोप लगाया, ”दो गोलियां उसके दाहिने हाथ में लगी और एक उसके पेट को पार कर गई.” उन्होंने बताया कि वह अपने पड़ोसियों को सचेत करने में कामयाब रही, जो उसे बचाने आए.
पिता ने कहा, “उनके मकान मालिक परशुराम और मधु यादव ने मिश्रा से उसे अस्पताल ले जाने के लिए कहा. वह मेरी बेटी को झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए, लेकिन उसका फोन छीन लिया. हालांकि, उसे अपने चाचा का नंबर याद था और उसने किसी और के फोन का उपयोग करके उनसे संपर्क किया.”
दहेज निषेध नियमों का उल्लंघन
यूपी सरकार द्वारा 1999 में बनाए गए दहेज निषेध नियमों में मार्च 2004 में किए गए संशोधन के अनुसार, प्रत्येक राज्य कर्मचारी को नियुक्ति प्राधिकारी को एक स्व-सत्यापित हलफनामा प्रस्तुत करना आवश्यक है, जिसमें कहा गया है कि उसे शादी में दहेज नहीं मिला है.
दहेज निषेध अधिनियम, 1961, सभी लोक सेवकों के लिए नियुक्ति के समय एक हलफनामा प्रस्तुत करना अनिवार्य बनाता है, जिसमें कहा गया है कि जब वे शादी करेंगे तो वह दहेज नहीं लेंगे.
2021 में, महिला कल्याण विभाग ने कथित तौर पर एक परिपत्र जारी कर कहा कि राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी जिनकी शादी 31 मार्च 2004 के बाद हुई है, उन्हें यह घोषणा करते हुए एक हलफनामा जमा करना होगा कि उन्हें अपनी शादी के समय दहेज नहीं मिला है.
यह पूछे जाने पर कि क्या मिश्रा ने कभी ऐसा हलफनामा दाखिल किया है, झांसी के एसएसपी राजेश एस ने कहा कि उन्हें जांचना होगा कि उन्होंने यह हलफनामा भरा है या नहीं.
उन्होंने कहा, “उनके खिलाफ यूपी अधीनस्थ रैंक के अधिकारी, (सजा और अपील) नियमों के नियम 14 (1) के तहत एक विभागीय जांच शुरू की गई है, जिसके तहत अंतिम सजा बर्खास्तगी या सेवा से निष्कासन है. इस मामले में, जांच के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त किए जाने की पूरी संभावना है.”
इस बीच, दहेज के बारे में बात करते हुए, महिला के परिवार ने कहा कि शादी में दहेज में पैसे देना बुंदेलखंड में एक सामान्य बात है, खासकर जब सरकारी कर्मचारियों की शादी की बात आती है.
“यह यूपी और बिहार में एक दुखद प्रवृत्ति है,” भाई ने सहमति व्यक्त की, लेकिन कहा कि “बुंदेलखंड में, तिलक समारोह के दौरान नकद या चेक में दहेज देना आम बात है.”
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, माता-पिता के मन में यह बात घर कर गई है कि अगर वे दहेज नहीं देंगे तो उनकी बेटियां खुश नहीं रहेंगी.”
(संपादन: अलमिना खातून)
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