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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर 2024 की शार्ट लिस्ट जारी, अंतिम पांच में तीन अनूदित कृतियां शामिल

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नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर 2024 के लिए बुधवार को अंतिम पांच उपन्यासों की ‘शार्ट लिस्ट’ की घोषणा की गई। इस साल इसमें (शार्ट लिस्ट में) दो ऐसे लेखक शामिल हैं जिनके पहले उपन्यास अंतिम पांच में जगह बनाने में सफल रहे हैं। बाकी तीन उपन्यास बंगाली, मराठी और मलयालम से अनूदित हैं।

जेसीबी पुरस्कार की ज्यूरी के अध्यक्ष जेरी पिंटो ने शॉर्ट लिस्ट जारी की।

पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी अनूदित कृतियों का दबदबा रहा है। खास बात यह है कि 2020 में अनुवाद के लिए यह पुरस्कार जीतने वाली जयश्री कलाथिल तीसरी शार्ट लिस्ट में स्थान बनाने में सफल रही हैं।

हर साल, साहित्य के लिए जेसीबी पुरस्कार किसी भारतीय लेखक की उत्कृष्ट कृति को प्रदान किया जाता है। विजेता की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी, जिसे 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

वर्ष 2024 के लिए अंतिम सूची में जगह हासिल करने वाले पांच उपन्यासों में शाक्यजीत भट्टाचार्य की ‘ दी वन लैग्ड’, सहारू नुसैबा कन्नानारी की ‘क्रानिकल आफ एन आवर एंड ए हाफ’, शरण कुमार लिम्बाले की ‘सनातन’, उपमन्यु चटर्जी की ‘लौरेंजो सर्चेज फार दी मीनिंग आफ लाइफ’ तथा संध्या मैरी की ‘मारिया, जस्ट मारिया’ शामिल हैं ।

‘दी वन लैग्ड’ का अनुवाद बांग्ला से अंग्रेजी में रितुपर्णा मुखर्जी ने,’सनातन’ का अनुवाद मराठी से अंग्रेजी में प्रोमिता सेनगुप्ता ने और ‘मारिया, जस्ट मारिया’ का अनुवाद मलयालम से अंग्रेजी में जयश्री कलाथिल ने किया है।

जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर की साहित्य निदेशक मीता कपूर ने कहा, ‘2024 के लिए जेसीबी शॉर्टलिस्ट यह दर्शाती है कि भारत में समकालीन कथा साहित्य किस तरह से एक अलग किस्म की रचनाधर्मिता और सम्मोहक आवाज़ें पेश करता है। हर किताब कहानी कहने की कला में अज्ञात क्षेत्रों में आगे बढ़ने का एक साहसिक कदम है।’

शॉर्टलिस्ट पर टिप्पणी करते हुए, 2024 ज्यूरी के अध्यक्ष, जेरी पिंटो ने कहा, ‘जूरी का काम कभी आसान नहीं होता। क्योंकि साहित्य कल्पना, जादू और पागलपन का एक बड़ा और शानदार मेल है।’

ज्यूरी में लेखक जेरी पिंटो (अध्यक्ष), फिल्म निर्माता शौनक सेन , कला समीक्षक दीप्ति शशिधरन, अनुवादक त्रिदीप सुहृद और कलाकार एक्वी थामी शामिल थे।

हर साल, साहित्य के लिए जेसीबी पुरस्कार किसी भारतीय लेखक की उत्कृष्ट कृति को प्रदान किया जाता है। पुरस्कार स्वरूप 25 लाख रुपये प्रदान किये जाते हैं। यदि विजेता प्रविष्टि अनूदित है, तो अनुवादक को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, शॉर्टलिस्ट में जगह बनाने वाले पांच लेखकों में से प्रत्येक को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। यदि शार्ट लिस्ट में शामिल कृति अनुवाद है, तो अनुवादक को 50,000 रुपये मिलते हैं।

भाषा नरेश पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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