गांधीनगर, सात मार्च (भाषा) गुजरात सरकार ने सोमवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि दिसंबर 2021 तक विभिन्न सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 19,000 से अधिक कक्षाओं की कमी आई।
प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने सदन को बताया कि इन कक्षाओं को जल्द से जल्द बनाया जाएगा। वघानी ने लिखित जवाब में कहा, जहां दिसंबर 2021 तक सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 19,128 कक्षाओं की कमी थी, वहीं गुजरात सरकार ने भी पिछले दो वर्षों के दौरान 2,714 नयी कक्षाओं का निर्माण किया है।
मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि गुजरात के 33 जिलों में आदिवासी बहुल दहोद में सबसे अधिक 1,688 कक्षाओं की कमी रही, इसके बाद बनासकांठा में 1,532, भावनगर में 966, मेहसाणा में 947 और साबरकांठा में 941 कक्षाओं की कमी हुई।
राज्य सरकार के आंकड़ों से यह भी पता चला कि राज्य के 23 प्राथमिक विद्यालय बिना बिजली आपूर्ति के चल रहे हैं। ऐसे नौ स्कूल गिर-सोमनाथ जिले में हैं, इसके बाद पोरबंदर में सात, मोरबी में तीन, कच्छ में दो और देवभूमि-द्वारका और सुरेंद्रनगर जिलों में एक-एक स्कूल हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने सदन को सूचित किया कि 5,439 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों और 272 निजी प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों के आसपास परिसर की घेराबंदी के लिए कोई दीवार नहीं है।
विशेष रूप से, 3 मार्च को पेश किए गए बजट में, गुजरात सरकार ने घोषणा की थी कि वह सरकार द्वारा संचालित मौजूदा प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 10,000 नए कक्षाओं के निर्माण के लिए 2022-23 में 937 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के कार्यान्वयन के बारे में कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में वघानी ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि 2009 के कानून के तहत पिछले दो वर्षों के दौरान निजी स्कूल में 1,73,815 योग्य छात्रों के मुकाबले 1,43,164 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। अधिनियम में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है।
भाषा सुरभि रंजन
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