मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को “हां मैं भी लाड़ली हूं” की टेगलाईन देते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का मेडिकल, आई.आई.टी., आईआईएम, विधि संस्थानों और अन्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश होने पर उनकी फीस राज्य सरकार द्वारा भराई जाएगी. लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के लिए प्रदेश में 9 से 15 मई की अवधि में शहर और पंचायतों में विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसमें 9 मई को खेल प्रतियोगिताएं, 10 मई को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतों को पुरस्कार वितरण, 11 मई को वित्तीय और डिजिटल साक्षरता पर कार्यक्रम, 12 मई को स्वास्थ्य परीक्षण, नृत्य एवं गीत प्रतियोगिता, 13 मई को पुलिस थाना सहित शासकीय कार्यालयों का भ्रमण, 14 मई को ई-केवायसी के लिए अभियान और चित्रकला प्रतियोगिता तथा 15 मई को क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों एवं अन्य अभिरूचि के स्थानों के भ्रमण का कार्यक्रम होगा.
मुख्यमंत्री श्री चौहान लाड़ली लक्ष्मी दिवस पर मुख्यमंत्री निवास परिसर में बेटियों के सम्मान, मार्गदर्शन और संवाद पर केन्द्रित राज्य स्तरीय लाड़ली लक्ष्मी उत्सव को संबोधित कर रहे थे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, सांसद सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक श्रीमती कृष्णा गौर, महापौर श्रीमती मालती राय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रामकुंवर सहित बड़ी संख्या में योजना की हितग्राही लाड़ली लक्ष्मी बेटियां एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे.
लाड़ली बेटियों ने किया राज्य स्तरीय उत्सव का संचालन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पधारी लाड़ली लक्ष्मियों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया. दीप प्रज्ज्वलन और कन्या-पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. मध्यप्रदेश गान और लाड़ली लक्ष्मी गीत के साथ आरंभ हुए कार्यक्रम में लाड़ली बेटी अवनि देशमुख ने स्वागत उद्बोधन दिया. बेटी चेतना साहू द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना और बेटी तनिष्का अरोरा द्वारा गाए गीत के बाद लाड़ली बेटियों ने समूह घूमर नृत्य, एकल नृत्य, लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रभाव पर नृत्य-नाटिका और आत्म-रक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया. बेटी खुशबू राऊत ने अपने जीवन संघर्ष और लाड़ली लक्ष्मी योजना से मिले प्रोत्साहन की जानकारी दी. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना के प्रभावी मूल्यांकन पर प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया और लाड़ली बालिकाओं को सम्मान और प्रमाण-पत्र वितरित किए. साथ ही लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित ग्राम पंचायतों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए. मंच संचालन लाड़ली लक्ष्मियों द्वारा ही किया गया.
योजना से बेटियों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदला
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना को 16 साल पूर्ण हो रहे हैं. प्रदेश में 44 लाख 85 हजार से अधिक लखपति लाड़लियों का परिवार बन गया, यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है. समाज में बेटियों के प्रति सोच बदली है. सभी क्षेत्रों में बेटियां अपनी प्रतिभा का परिचय दे रही हैं. बेटियों के प्रति दोयम दर्जे का व्यवहार न हो, बेटा-बेटी को समान माना जाए, इसी उद्देश्य से 16 साल पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज एवं परिवारों में बेटी को बोझ मानने के दृष्टिकोण से बहुत पीड़ा और वेदना होती थी. बेटियों की स्थिति में सुधार और समाज का दृष्टिकोण बदलने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना से शुरू किये गये प्रयासों की कड़ी में बालिकाओं की शिक्षा, उनके बेहतर स्वास्थ्य और आत्म-निर्भरता के लिए प्रशिक्षण आदि के लिए अनेक योजनाएं आरंभ की गईं. बेटी का विवाह बोझ न माना जाए, इसके लिये मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आरंभ की. इन सब प्रयासों का प्रदेश में सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है. प्रदेश में एक हजार बेटों पर 956 बेटियां जन्म ले रही हैं. लिंगानुपात में हुआ यह सुधार समाज के बदले दृष्टिकोण का परिचायक है और यह राज्य सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है.
महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयास जारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों को प्रगति के सभी अवसर उपलब्ध कराने के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस और स्कूल शिक्षा सहित अन्य विभागों में होने वाली भर्तियों में आरक्षण की व्यवस्था तथा पंचायत और नगरीय निकायों में महिला आरक्षण इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
भोपाल की ग्राम पंचायत बनी लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायतों में भोपाल की ग्राम पंचायत रानी खजूरी की सरपंच श्रीमती आनंदी बाई यादव, ग्राम पंचायत भाटनी जिला विदिशा की सरपंच श्रीमती कैलाश बाई, सीहोर की ग्राम पंचायत फूडरा के सरपंच श्री तेज सिंह चौहान, रायसेन की ग्राम पंचायत सीयर मऊ के सरपंच श्री रमेश शाह और राजगढ़ की ग्राम पंचायत छापरा के सरपंच श्री कैलाश राजपूत को शॉल तथा प्रमाण-पत्र भेंट कर सम्मानित किया. उल्लेखनीय है कि ऐसी ग्राम पंचायतें जहां लाड़लियों का सम्मान हो, शत-प्रतिशत बालिकाएं स्कूल में प्रवेशित हो, सभी का टीकाकरण हो, कोई बेटी कुपोषित नहीं हो, कोई बालिका अपराध नहीं हो और जहां बाल विवाह नहीं हो, उन पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायत घोषित किया जाता है.
उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बालिकाओं का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उत्कृष्ट उपलब्धियां प्राप्त करने वाली लाड़ली बालिकाओं को सम्मानित किया. झाबुआ की कुमारी मुस्कान भूरिया को तीरंदाजी प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक, सिवनी की कुमारी हिमानी बघेल को राज्य स्तर पर इंस्पायर अवार्ड, रतलाम की कुमारी केशवी तिवारी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कराटे में और रतलाम की ही कुमारी भव्या को खो-खो में राष्ट्रीय स्तर पर मिली उपलब्धि के लिए ट्राफी और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया. भोपाल की कुमारी अनुष्का दुबे ने ताइक्वांडो में ओपन नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है, उनके प्रवास पर होने से कु. अनुष्का की बहन ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से ट्राफी और प्रमाण-पत्र प्राप्त किया. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तीन बालिकाओं को आश्वासन प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए.
उत्सव की झलकियां
- मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुए लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का संचालन कक्षा 10वीं की बालिका सृष्टि मालवीय तथा रिमझिम त्रिपाठी ने किया.
- संचालनकर्ता लड़ली लक्ष्मी बालिकाओं ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के सम्मान में स्वरचित कविता ” मामा को देखते ही चेहरे पर हंसी आ जाती है- यदि उदास भी हो मन तो खुशी खिल जाती है” और बड़ी प्यारी लगती है तेरे चहरे की मुस्कान- प्यारी भांजियां हैं, मामा की जान-मामा की जान पढ़ी॥”
- कक्षा 12वीं की बेटी अवनि देशमुख ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना से बालिकाओं का विश्वास बढ़ा है और राज्य शासन द्वारा की गई विभिन्न व्यवस्थाओं से स्वयं पर गर्व का अनुभव होता है.
- कार्यक्रम में जवाहर बाल भवन की बालिकाओं द्वारा मध्यप्रदेश गान और लाड़ली गान -‘छूना है हमें आसमां’ की प्रस्तुति दी. बालिका वैष्णवी, ऋषिका, किरण और सुहानी ने समूह घूमर नृत्य प्रस्तुत किया.
- नादयोग गुरूकुल दल इंदौर द्वारा प्रस्तुत नृत्य-नाटिका में लाड़ली लक्ष्मी योजना के समाज पर प्रभाव और बेटी के प्रति बदले दृष्टिकोण को सुरूचिपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया गया.
- मार्शल आर्ट्स में बालिकाओं ने आत्म-रक्षा के गुर, असामाजिक तत्वों से सावधान और सतर्क रहने तथा बचाव के तरीकों पर प्रस्तुति दी.
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