मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के शासकीय सेवकों की क्षमता निर्माण के लिये “मध्यप्रदेश क्षमता निर्माण नीति-2023” का अनुमोदन किया. राज्य की नवीन क्षमता निर्माण नीति 2023 भारत सरकार द्वारा लागू मिशन कर्मयोगी की अवधारणा एवं विशेषताओं को सम्मिलित करते हुए और क्षमता विकास आयोग के सदस्य से परामर्श प्राप्त करते हुए तैयार की गई है. इसमें प्रत्येक विभाग के बजट में, वेतन मद में उपलब्ध बजट की एक प्रतिशत राशि से नया बजट शीर्ष “मिशन कर्मयोगी” बनाया जायेगा. साथ ही प्रशासन अकादमी के बजट में राशि 10 करोड़ रूपये से “मिशन कर्मयोगी” के नाम से नया बजट शीर्ष भी बनाया जायेगा.
भारत सरकार की राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति वर्ष 1996 के संदर्भ में राज्य की वर्तमान प्रशिक्षण नीति को 11 जुलाई 2001 को लागू किया गया था. भारत सरकार की वर्तमान राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति 19 जनवरी 2012 को लागू की गई, लेकिन राज्य की प्रशिक्षण नीति में अभी तक कोई परिवर्तन नहीं किया गया था. प्रदेश की वर्तमान प्रशिक्षण नीति लगभग 22 वर्ष पुरानी हो चुकी है, जबकि शासकीय सेवकों के भर्ती के तरीके, सूचना प्रौद्योगिकी का शासकीय कार्यों में उपयोग, विभिन्न कानूनों में परिवर्तन इत्यादि कारणों से नवीन प्रशिक्षण नीति की आवश्यकता महसूस की गई. राज्य की नयी प्रशिक्षण नीति तैयार करने के लिये महानिदेशक, प्रशासन अकादमी द्वारा सेवानिवृत्त एवं अनुभवी प्रशासनिक एवं तकनीकी परामर्शी विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया.
महिला स्व-सहायता समूह करेंगे उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण
मंत्रि-परिषद ने महिला स्व-सहायता समूह द्वारा उपभोक्ता शुल्क संग्रहण के लिये नीति का अनुमोदन किया. मंत्रि-परिषद ने महिला स्व-सहायता समूह को अधिक सक्षम एवं उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये यह निर्णय लिया. निर्णय अनुसार पूर्व में उपभोक्ता शुल्क संग्रहण की स्वीकृति प्राप्त मार्गों में से दो करोड़ से कम वार्षिक संग्रहण आय वाले मार्गों पर उपभोक्ता शुल्क संग्रहण महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जायेगा. ऐसे मार्ग का चयन के लिये मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को अधिकृत किया गया है.
जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष के मानदेय में वृद्धि
मंत्रि-परिषद ने जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया. जिला पंचायत अध्यक्ष के मानदेय एवं वाहन भत्ता को बढ़ाकर 1 लाख रूपये मासिक (मानदेय 35 हजार रूपये एवं वाहन भत्ता 65 हजार रूपये) और जिला पंचायत के उपाध्यक्ष के मानदेय एवं वाहन भत्ता को बढ़ाकर 42 हजार रूपये मासिक (मानदेय 28 हजार 500 रूपये एवं वाहन भत्ता 13 हजार 500 रूपये) किया जायेगा. साथ ही जनपद पंचायत अध्यक्ष के मानदेय को बढ़ाकर 19 हजार 500 रूपये मासिक एवं जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के मानदेय को बढ़ाकर 13 हजार 500 रूपये मासिक करने का निर्णय लिया गया. इसके अतिरिक्त पंच/उप सरपंच का अधिकतम वार्षिक मानदेय 1800 रूपये किया जायेगा. अतिरिक्त वित्तीय भार की व्यवस्था “स्टाम्प शुल्क वसूली के अनुदान” मद में वार्षिक अतिरिक्त वित्तीय भार लगभग 56 करोड़ 38 लाख 24 हजार 800 रूपये को अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराये जाने का निर्णय भी लिया गया.
ग्राम रोजगार सहायक के बढ़े हुए मानदेय अनुसार व्यय करने की अनुमति
मंत्रि-परिषद ने ग्राम रोजगार सहायक के भरे पद एवं रिक्त पदों की पूर्ति किये जाने पर 18 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से मानदेय के लिये आवश्यक अतिरिक्त वार्षिक राशि 274 करोड़ 95 लाख रूपये व्यय करने की अनुमति दी. यह राशि योजना क्रमांक 4610 स्टाम्प शुल्क वसूली या योजना क्रमांक 6299 गौण खनिज मद से व्यय की जायेगी.
8 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 8 नवीन महाविद्यालयों की स्थापना, 2 महाविद्यालयों में नवीन संकाय और 3 महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर/स्नातक विषय प्रारंभ करने की मंजूरी दी है. इसके लिये कुल 489 नवीन पद सृजन, आवर्ती व्यय भार 26 करोड़ 97 लाख रूपये प्रतिवर्ष और अन्य अनावर्ती व्यय 95 करोड़ 68 लाख 92 हजार रूपये, इस प्रकार कुल 122 करोड़ 65 लाख 92 हजार रूपये के व्यय की स्वीकृति दी गई. खण्डवा जिले के खालवा, भोपाल के फंदा, शहडोल के बाणसागर, श्योपुरकलाँ के बड़ौदा, सीधी के मण्डवास, इंदौर के बेटमा, रीवा के हनुमना और बालाघाट के हट्टा में नवीन शासकीय महाविद्यालय स्थापित किये जायेंगे. साथ ही छतरपुर के बिजावर और सीधी के चुरहट में पूर्व से संचालित शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारंभ किये जायेंगे. इसके अलावा शासकीय महाविद्यालय रामपुर नैकिन, जिला सीधी में आर्ट एण्ड साइंस, शासकीय महाविद्यालय लामता, जिला बालाघाट में आर्ट्स एवं बॉयोलॉजी और शासकीय कन्या महाविद्यालय, नीमच में संगीत एवं फाइन आर्ट विषय प्रारंभ किये जायेंगे.
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने नवीन समरसता छात्रावास योजना में स्कूल शिक्षा विभाग के छात्रावासों के संचालन, मरम्मत आदि कार्य किये जाने की स्वीकृति दी. योजना में विभाग द्वारा संचालित सभी छात्रावास सभी वर्गों के लिये उपलब्ध हैं.
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