बेंगलुरु, 27 मई (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की ओर से एचएएल के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) का उत्पादन कर्नाटक से अपने राज्य में स्थानांतरित करने के कथित सुझाव पर कर्नाटक के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाया।
शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि कर्नाटक सरकार राज्य में स्थित किसी भी नवरत्न कंपनी या संबंधित इकाई को नहीं जाने देगी।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘ भाजपा सरकार ने एचएएल को राज्य को नहीं दिया। यहां की तकनीकी प्रतिभा और वैज्ञानिक समुदाय की वजह से ही जवाहरलाल नेहरू के समय से बेंगलुरु विमानन और रक्षा क्षेत्र का आधार बन गया।’’
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘ चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य के लिए केंद्र से जो भी राजनीतिक मांग करें हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। वे आंध्र प्रदेश के लिए कुछ भी नया हासिल करें हम इसमें बाधा नहीं डालेंगे।’’
उन्होंने कहा,‘‘ लेकिन हम जिसे भी अपने राज्य के लिए संपत्ति मानते हैं और जो शुरू से ही यहां मौजूद है, हमारी सरकार उसे किसी भी कीमत पर नहीं जाने देगी। यह स्वाभिमान का मामला है। हम सुनिश्चित करेंगे कि यह हमारे पास रहे। हमारे सांसद चुप क्यों हैं? यहां तक कि कर्नाटक के केंद्रीय मंत्रियों ने भी कुछ नहीं कहा है। उन्हें आज शाम तक जवाब देना चाहिए।’’
शिवकुमार ने दोहराया कि कर्नाटक राज्य में स्थित किसी भी नवरत्न कंपनी या संबंधित इकाई को नहीं जाने देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सुनिश्चित करेंगे कि वह यहां रहे और हम उनकी रक्षा करेंगे।’
नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग सरकार की एक प्रमुख सहयोगी है।
रिपोर्ट के अनुसार नायडू ने हाल ही में रक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में यह प्रस्ताव रखा। बताया जाता है कि उन्होंने बेंगलुरु हवाई अड्डे से लगभग एक घंटे की दूरी पर स्थित लेपाक्षी-मदकासिरा में एचएएल के एएमसीए केन्द्र के लिए 10,000 एकड़ जमीन की पेशकश की है।
भाषा शोभना माधव
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