मुंबई, 27 फरवरी (भाषा) विपक्षी शिवसेना (उबाठा) ने कुछ मंत्रियों द्वारा सुझाए गए निजी सहायकों के नामों को खारिज करने के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हालिया फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा है कि वह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा। शिंदे प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के प्रमुख हैं और उनके फडणवीस के साथ संबंध ‘‘तनावपूर्ण’’ बताए जा रहे हैं।
जनवरी की शुरुआत में, सामना ने अप्रत्याशित रूप से फडणवीस की प्रशंसा की थी जब उन्होंने नक्सल प्रभावित गडचिरौली जिले का दौरा किया था और घोषणा की थी कि वहां इस्पात उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
‘सामना’ के बुधवार के अंक में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, ‘‘देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के शासन में अनुशासन को लेकर कड़े कदम उठाए हैं और उन्होंने (भ्रष्टाचार के) ‘नालों की सफाई’ शुरू कर दी है।’’
हाल के हफ्तों में यह दूसरी बार है जब शिवसेना (उबाठा) ने फडणवीस की प्रशंसा की है, हालांकि पार्टी ने एक बार अविभाजित शिवसेना को तोड़ने के लिए फडणवीस को दोषी ठहराया था और लगातार उन पर निशाना साधा था।
संपादकीय में कहा गया है कि फडणवीस ने मंत्रियों से निजी सहायकों (पीए) और विशेष कार्याधिकारियों (ओएसडी) को नियुक्त करने की ‘‘शक्ति छीनकर एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।’’
सोमवार को, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीए और ओएसडी के रूप में नियुक्ति के लिए कैबिनेट मंत्रियों द्वारा भेजे गए 125 नामों में से 109 को मंजूरी दे दी है, लेकिन 16 नामों को खारिज कर दिया क्योंकि वे या तो जांच का सामना कर रहे हैं या उन्हें ‘‘बिचौलिये’’ के रूप में जाना जाता है।
शिवसेना (उबाठा) ने दावा किया कि इनमें से 12 नाम शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित किए गए थे।
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश
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