मुंबई, आठ जून (भाषा) महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने आगामी विधान परिषद चुनाव के लिये बुधवार को सचिन अहीर और आमश्या पदवी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की। पार्टी ने विधानमंडल के ऊपरी सदन के लिये वरिष्ठ नेता व राज्य के मंत्री सुभाष देसाई तथा एक और वरिष्ठ नेता दिवाकर राउते को दोबारा उम्मीदवार नहीं बनाने का फैसला किया।
शिवसेना की स्थापना के समय से इसके सदस्य देसाई और राउते विधान परिषद से सेवानिवृत होने वाले 10 सदस्यों में शामिल हैं। उपचुनाव 20 जून को मतदान होगा।
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन सरकार में उद्योग मंत्री देसाई का नाम इस सूची में नहीं हैं, इसका मतलब है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। यदि देसाई दोनों सदनों में से किसी के सदस्य नहीं चुने जाते हैं तो मौजूदा कार्यकाल खत्म होने के छह महीने बाद उन्हें मंत्रिपद से इस्तीफा देना होगा।
देसाई और राउते का कार्यकाल जुलाई में खत्म हो जाएगा।
अहीर राज्य में कांग्रेस-राकांपा सरकार में मंत्री थे। वह वर्ष 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की स्थापना के बाद से उसके साथ जुड़े रहे। साल 2014 के चुनाव में मुंबई की वर्ली सीट से उन्हें शिवसेना उम्मीदवार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से फिलहाल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे विधायक हैं।
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले अहीर शिवसेना में शामिल हो गए थे। उन्हें आदित्य ठाकरे का करीबी माना जाता है।
संगठन में काम करने वाले पदवी उत्तरी महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल नंदुरबार जिले से संबंध रखते हैं।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए देसाई ने कहा, ”हमने दो (नए) चेहरों को मौका दिया है। मैंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है।”
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ”यह कहना गलत है कि उन्हें (देसाई और राउते को) उम्मीदवारों की इस सूची में शामिल नहीं किया गया। दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वर्षों से इसके लिये काम कर रहे हैं।”
भाषा
जोहेब नरेश
नरेश
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