scorecardresearch
शनिवार, 24 मई, 2025
होमदेशशिरुई हिल्स झंडा विवाद: मेइती संगठन अरामबाई तेंगगोल ने उकसावे के दावों को खारिज किया

शिरुई हिल्स झंडा विवाद: मेइती संगठन अरामबाई तेंगगोल ने उकसावे के दावों को खारिज किया

Text Size:

इंफाल, 24 मई (भाषा) मणिपुर में तंगखुल नगा संगठनों ने अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा मेइती समुदाय के सात रंगों वाले झंडे को प्रदर्शित करने और शिरुई हिल्स की चोटी पर नारे लगाने की घटना की व्यापक निंदा की, लेकिन मेइती संगठन ने शनिवार को कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री ने अनावश्यक भ्रम पैदा किया है।

संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि इस कृत्य की व्याख्या क्षेत्रीय दावे या उकसावे के रूप में नहीं की जानी चाहिए।

यह विवाद शुक्रवार रात को एक तस्वीर के वायरल होने के बाद शुरू हुआ, जिसमें अरामबाई तेंगगोल के सदस्य पारंपरिक पोशाक में मेइती के सात रंगों वाले झंडे को पकड़े हुए ‘मणिपुर अमर रहे’ और ‘मां शिरुई का आशीर्वाद बना रहे’ जैसे नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे थे।

‘मणिपुर स्टाइलिश’ नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था, ‘‘ हमने (अरामबाई तेंगगोल) सालाई तारेत झंडे को एक साहसिक घोषणा के रूप में उठाया, जिसका मतलब है कि हम हमारी भूमि के हर कोने में मजबूती से खड़े हैं। यह हमारी पवित्र धरती है और किसी अन्य समुदाय को मणिपुर की भूमि पर कोई दावा करने का अधिकार नहीं है।”

इस ‘कैप्शन’ ने तंगखुल नगा समुदाय के सदस्यों में आक्रोश पैदा कर दिया, जिन्होंने इसे भड़काऊ और अपमानजनक माना।

अरामबाई तेंगगोल का स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब तंगखुल नगा के छात्र संगठन तंगखुल कटमनाओ लोंग ने इस घटना की कड़ी निंदा की।

यह घटना, उखुर्ल जिले में जारी पांचवें राज्य स्तरीय शिरुई लिली महोत्सव के आयोजन स्थल पर हुई।

अरामबाई तेंगगोल ने एक बयान में कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि तंगखुल कटमनाओ सकलोंग को फेसबुक पेज पर प्रसारित गलत और भ्रामक जानकारी से गुमराह किया गया। इस तरह के संवेदनशील मामलों में, हमारा मानना ​​है कि जल्दबाजी में निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले स्रोतों की प्रामाणिकता को सत्यापित करना बेहद जरूरी है।”

बयान के मुताबिक, “ऐसे आयोजनों की गलत व्याख्या से केवल विभाजन को बढ़ावा मिलता है और यह स्पष्ट है कि कुछ तत्व मेइती और नगा समुदायों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बाधित करने के इरादे से काम कर रहे हैं।”

बयान में आयोजन और झंडे के पीछे के प्रतीकवाद को भी स्पष्ट किया गया।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments