शिमला, 24 मई (भाषा) शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर बिना अनुमति के अदालती कार्यवाही का वीडियो क्लिप प्रसारित करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
भाजपा विधायक शर्मा ने याचिका के जवाब में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजा है।
गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ उच्च न्यायालय की कार्यवाही का चुनिंदा तरीके से सीधा प्रसारण करने के लिए अदालत में याचिका दायर की है, जो कार्यवाही की अवमानना और कॉपीराइट एवं सूचना अधिनियम का उल्लंघन है।’’
ऑनलाइन प्रसारित वीडियो में बुधवार को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान गांधी के खिलाफ अदालत की टिप्पणी दिखाई गई है।
पुलिस अधीक्षक ने आरोप लगाया कि शर्मा पिछले साल फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के ‘मास्टरमाइंड’ थे। उन्होंने दावा किया कि शर्मा ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से उन्हें गलत रूप में पेश किया गया और उनकी छवि खराब की।
दूसरी ओर, शर्मा ने एसपी को कानूनी नोटिस भेजकर कहा कि क्लिप में छेड़छाड़ नहीं की गई है और कार्यवाही की ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ की अनुमति अदालत ने ही दी है। उन्होंने एसपी द्वारा दिए गए ‘गैर-जिम्मेदाराना और निराधार’ बयानों को वापस लेने की मांग की।
भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘राज्यसभा चुनाव से संबंधित मामले में न तो मेरा नाम प्राथमिकी में है और न ही मुझे जांच के लिए बुलाया गया है। एसपी ने मुझे मीडिया में मुख्य आरोपी बताया है।’’ शर्मा ने पूछा कि अगर वह आरोपी थे तो उनके खिलाफ आरोप पत्र क्यों नहीं दाखिल किया गया।
पुलिस ने 5 अप्रैल 2024 को तत्कालीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा (हमीरपुर) और गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा और अन्य के खिलाफ ‘चुनावी अपराध’, रिश्वतखोरी और आपराधिक साजिश के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
राज्यसभा के लिए हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए चुनाव में छह कांग्रेस बागी और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।
भाषा धीरज आशीष
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