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Wednesday, 18 December, 2024
होमदेशप्रमुख परियोजनाएं गुजरात में होने से महाराष्ट्र में नौकरियां खत्म हुईं : प्रियंका गांधी

प्रमुख परियोजनाएं गुजरात में होने से महाराष्ट्र में नौकरियां खत्म हुईं : प्रियंका गांधी

राज्य की महायुति सरकार की प्रमुख योजना ‘लाडकी बहिन’ को लेकर उस पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि महिलाओं को बेहतर ज़िंदगी के लिए वोट देना चाहिए, न कि इसलिए कि उन्हें प्रति माह 1,500 रुपये मिल रहे हैं.

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मुंबई: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों की आलोचना की और दावा किया कि कुछ बड़ी परियोजनाओं के गुजरात में स्थानांतरित होने के कारण महाराष्ट्र में नौकरियां खत्म हो गई हैं.

राज्य विधानसभा चुनाव में 20 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेता वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने और समाज का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं.

राज्य की महायुति सरकार की प्रमुख योजना ‘लाडकी बहिन’ को लेकर उस पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि महिलाओं को बेहतर ज़िंदगी के लिए वोट देना चाहिए, न कि इसलिए कि उन्हें प्रति माह 1,500 रुपये मिल रहे हैं.

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अगर विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) सत्ता में आता है, तो वह सोयाबीन की फसल के लिए किसानों को 7,000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) देगा.

प्रियंका ने दावा किया कि महाराष्ट्र में 2.5 लाख से ज्यादा पद खाली हैं.

उन्होंने कहा कि फॉक्सकॉन, एयरबस परियोजनाओं को गुजरात में स्थानांतरित करने के कारण राज्य में नौकरियां खत्म हो गई हैं.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “लोग प्रयास कर रहे हैं, नये कौशल सीख रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही. सरकार को इस पर प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए था, लेकिन वह इन पदों को भरने में विफल रही है.”

उन्होंने महाराष्ट्र में युवाओं की आत्महत्या को रोज़गार के अवसरों की कमी से जोड़ने की भी कोशिश की.

प्रियंका ने दावा किया, “देश में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा युवा आत्महत्या कर रहे हैं. यह बेरोज़गारी को दूर करने में भाजपा की विफलता का नतीजा है.”

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए नारे “एक हैं तो सेफ हैं’ पर प्रियंका ने कहा कि “सेफ” शब्द के दो अर्थ हैं — सुरक्षित और खजाना.

उन्होंने आरोप लगाया, “लेकिन इस देश में सही मायने में सुरक्षित सिर्फ अडाणी ही हैं. पूरा देश जानता है कि अडाणी ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी सरकारी खजाने तक पहुंच है, जबकि आम नागरिक संघर्ष कर रहे हैं.”

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हवाईअड्डों, बंदरगाहों और कुछ प्रमुख कंपनियों पर अडाणी का नियंत्रण है और सरकारी नीतियां भी एक व्यक्ति के पक्ष में हैं.

उन्होंने कहा, “सरकार को राष्ट्रीय संपत्ति को किसी एक व्यक्ति को सौंपने के बजाय रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.”

प्रियंका ने शासन में जवाबदेही की कथित कमी के लिए भी भाजपा की आलोचना की.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के शासन के दौरान हमारे नेता लोगों के प्रति जवाबदेह थे. हालांकि, भाजपा के शासन में यह जवाबदेही खत्म हो गई है. मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं रह गए हैं.”

प्रियंका ने कहा, “उनका व्यवहार अलग है…वे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं और समाज का ध्रुवीकरण करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.”

कांग्रेस महासचिव ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अडाणी की कंपनियों को आदिवासी भूमि आवंटित किए जाने का मुद्दा भी उठाया.

उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ के लोगों से पूछें कि अडाणी को कितनी आदिवासी भूमि दी गई है?”

प्रियंका ने वादा किया कि अगर एमवीए सत्ता में आता है, तो वह जवाबदेही सुनिश्चित करने, रोजगार सृजन और लोगों को सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

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