नई दिल्ली: देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के शोधार्थी शरजील इमाम पांच दिनों की हिरासत में हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से कहा है कि पूछताछ में पता चला है कि शरजील इमाम कट्टरपंथी हैं और उनका मानना है कि भारत को एक इस्लामिक राज्य होना चाहिए. शरजील ने यह भी माना है कि उनके भाषणों के वीडियो में कोई छेड़-छाड़ नहीं की गई है.
दिल्ली पुलिस सूत्र के मुताबिक पुलिस इस्लामिक यूथ फेडरेशन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ शारजील इमाम के कनेक्शन की भी जांच कर रही है. शरजील ने पुलिस से पूछताछ में माना है कि उनकी गिरफ्तारी पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है. उनके सभी वीडियो फोरेंसिक साइंस लैब में भेजे जा रहे हैं और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है.
बता दें कि शरजील इमाम के भड़काऊ भाषण पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘शरजील ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार से ज्यादा ‘खतरनाक बयान दिया है.’ साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है.
शाह ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी सीएए पर भ्रम फैला रही है, विरोध कर रही है, लोगों को दंगे के लिए उकसा रही है.’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया, ‘इस देश के मुसलमान भाइयों को (विपक्षी दल) उकसा रहे हैं कि आपकी नागरिकता चली जाएगी.’
शरजील की वकील मिशिका सिंह ने बताया कि उसे कड़ी सुरक्षा के बीच शाम में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक के आवास पर उनके समक्ष पेश किया गया.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ बयान देने के आरोप में शरजील को मंगलवार को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
शरजील को बुधवार को दिल्ली लाया गया जब शरजील को अदालत ले जाया गया तब वकीलों ने शरजील के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ वकील हाथों में पोस्टर लिए हुए थे, जिसमें शरजील को ‘देशद्रोही’ कहा गया. उन्होंने उसे फांसी देने की मांग की.