नई दिल्ली: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) के साथ सूचना साझा करने के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
सीआरपीएफ के सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पहचान सहायक उपनिरीक्षक स्तर के जवान मोती राम के रूप में हुई है. वह कश्मीर में तैनात था, जब तक कि वह सोशल मीडिया पर नज़र रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों की नज़र में नहीं आया.
राम से सीआरपीएफ अधिकारियों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने पूछताछ की और फिर उसे एनआईए को सौंप दिया. आतंकवाद रोधी एजेंसी ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया.
एक सूत्र ने बताया, “उसे सुरक्षा बलों द्वारा किए गए अभियानों, सुरक्षा प्रतिष्ठानों के स्थान के बारे में खुफिया जानकारी के बारे में संवेदनशील जानकारी पैसे के बदले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को देने में जासूसी गतिविधि में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.”
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए जज चंदर जीत सिंह ने शुक्रवार को व्यापक प्रभाव के कारण आरोपी से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता के मद्देनज़र उसे 15 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया.
न्यायालय के आदेश के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने जज के हवाले से कहा, “सशस्त्र बल वह स्तंभ हैं, जिस पर राष्ट्र की शक्ति और सुरक्षा मापी जाती है और जिस पर यह निर्भर होती है. इस तरह से उल्लंघन करने की कोई भी कोशिश, जिससे अपूरणीय क्षति हो सकती है, एक ऐसा मुद्दा है जिसकी जांच की जानी चाहिए.”
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि उसी दिन, सीआरपीएफ ने राम को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया.
सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है और जम्मू-कश्मीर में, यह आतंकवाद रोधी अभियान चलाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंटों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों पर निगरानी और कार्रवाई तेज़ कर दी है.
इस महीने अब तक पंजाब, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश राज्यों के पुलिस बलों ने रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील जानकारी साझा करने से लेकर अवैध चैनलों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने के आरोपी पाकिस्तानी नागरिकों के साथ संपर्क में रहने तक के विभिन्न आरोपों में कम से कम 19 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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