नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पहली महिला कुलपति होंगी। शिक्षा मंत्रालय ने उन्हें सोमवार को इस शीर्ष पद पर नियुक्त किया।
पंडित अभी महाराष्ट्र के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के राजनीति व लोक प्रशासन विभाग में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर हैं।
पंडित (59) जेएनयू की पूर्व छात्रा भी हैं, जहां से उन्होंने एमफिल के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की उपाधि हासिल की है।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के ‘विजिटर’ रामनाथ कोविंद ने जेएनयू के कुलपति के तौर पर शांतिश्री धुलिपुड़ी की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिये है।”
पंडित ने अपने शिक्षण करियर की शुरुआत 1988 में गोवा विश्वविद्यालय से की और 1993 में पुणे विश्वविद्यालय चली गईं। उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक निकायों में प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) की सदस्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए विज़िटर द्वारा नामांकित भी रही हैं।
अपने करियर में उन्होंने 29 शोधार्थियों को निर्देशित किया है।
पिछले साल जेएनयू के कुलपति के तौर पर अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद से एम जगदीश कुमार कार्यवाहक कुलपति के तौर पर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे। कुमार को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
कुमार ने एक बयान में कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को जेएनयू का अगला कुलपति नियुक्त किया गया है। वह जेएनयू की पहली महिला कुलपति हैं। उन्हें मेरी तरफ से हार्दिक बधाई। मैं आज उन्हें कार्यभार सौंप रहा हूं और नई भूमिका में उनकी सफलता की कामना करता हूं।”
इस बीच, जेएनयू के छात्रों और किसानों की आलोचना वाले पुराने ट्वीट सोशल मीडिया पर साझा किये गए जिन्हें कथित तौर पर पंडित के नाम वाले ट्विटर हैंडल ने लिखा था।
पंडित के नाम वाले असत्यापित खातों से किये गए इन ट्वीट में शरजील इमाम और नाथूराम गोडसे तथा अन्य का हवाला दिया गया था। यह पंडित का ट्विटर ‘अकॉउंट’ था या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बाद में उन सोशल मीडिया हैंडल को हटा लिया गया।
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