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Monday, 3 March, 2025
होमदेश'शहजादी खान को फांसी हो गई': बेटी को बचाने के लिए विदेश मंत्रालय में पिता की याचिका का दर्दनाक अंत

‘शहजादी खान को फांसी हो गई’: बेटी को बचाने के लिए विदेश मंत्रालय में पिता की याचिका का दर्दनाक अंत

फरवरी 2023 में एक वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें कथित तौर पर शाहजादी को शिशु की हत्या की बात कबूल करते हुए दिखाया गया. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि यह कबूलनामा यातना और दुर्व्यवहार के जरिए उनसे जबरदस्ती लिया गया था.

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नई दिल्ली: दिल दहला देने वाली घटना में, केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने अदालत को बताया कि उत्तर प्रदेश की शाहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई.

एएसजीने यह भी कहा कि अधिकारियों ने उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की है और उनका अंतिम संस्कार 5 मार्च को निर्धारित किया गया है.

यूएई में मौत की सजा का सामना कर रही अपनी बेटी के लिए विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग करने वाले पिता की याचिका दर्दनाक तरीके से खत्म हो गई, जिसके चलते अदालत ने इस याचिका को निपटा दिया.

विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करते हुए, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और अधिवक्ता आशीष दीक्षित ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि भारत के यूएई दूतावास को 28 फरवरी 2025 को यूएई सरकार से आधिकारिक सूचना प्राप्त हुई. इस सूचना में बताया गया कि शाहजादी की मौत की सजा को 15 फरवरी 2025 को यूएई के कानूनों और नियमों के अनुसार लागू कर दिया गया.

उसी दिन, भारतीय दूतावास ने शाहजादी के पिता शब्बीर खान को उनकी फांसी की पुष्टि के बारे में सूचित किया. उन्हें यह भी बताया गया कि परिवार 5 मार्च 2025 तक यूएई आ सकता है ताकि वे उनके अंतिम संस्कार में भाग ले सकें. इसके अलावा, खान को भारतीय दूतावास से संपर्क करने के लिए एक विशेष मोबाइल नंबर प्रदान किया गया.

उत्तर प्रदेश की रहने वाली शाहजादी खान, जो यूएई में मौत की सजा का सामना कर रही थीं, के पिता ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी कि वे एक आधिकारिक सूचना जारी कर उनकी वर्तमान कानूनी स्थिति और कुशलक्षेम की पुष्टि करें.

33 वर्षीय शाहजादी खान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की निवासी थीं और उन्हें अबू धाबी, यूएई में फांसी दी गई.

शाहजादी खान अबू धाबी की अल वथबा जेल में बंद थीं और उन्हें अपने देखभाल में रहे एक बच्चे की मृत्यु के मामले में अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

एडवोकेट अली मोहम्मद माज़ के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि दिसंबर 2021 में शब्बीर खान की बेटी ने वीज़ा प्राप्त किया और दुबई होते हुए अबू धाबी पहुंचीं. अगस्त 2022 में, उनके नियोक्ता के बेटे का जन्म हुआ, जिसकी देखभाल के लिए शाहजादी को नौकरी दी गई थी.

7 दिसंबर 2022 को शिशु को नियमित टीकाकरण दिया गया, लेकिन उसी शाम उसकी दुखद मृत्यु हो गई.

अस्पताल ने शव परीक्षण (पोस्टमार्टम) की सिफारिश की, लेकिन बच्चे के माता-पिता ने इसे अस्वीकार कर दिया और जांच न कराने की सहमति पर हस्ताक्षर कर दिए.

याचिका में आगे कहा गया कि फरवरी 2023 में एक वीडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें कथित तौर पर शाहजादी को शिशु की हत्या की बात कबूल करते हुए दिखाया गया. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि यह कबूलनामा यातना और दुर्व्यवहार के जरिए उनसे जबरदस्ती लिया गया था.

10 फरवरी 2023 को उन्हें अबू धाबी पुलिस के हवाले कर दिया गया और 31 जुलाई 2023 को अदालत ने उन्हें बच्चे की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई.

हालांकि, भारतीय दूतावास द्वारा कानूनी सहायता प्रदान की गई थी, लेकिन कथित तौर पर उनसे जबरदस्ती कबूलनामे पर दबाव डाला गया और उचित कानूनी प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया. सितंबर 2023 में उनकी अपील खारिज कर दी गई और 28 फरवरी 2024 को उनकी मौत की सजा बरकरार रखी गई.

इसके बाद, शब्बीर खान ने भारतीय दूतावास के माध्यम से दया याचिका दायर की, लेकिन उन्हें किसी अन्य असंबंधित मामले से संबंधित जवाब मिला. उन्होंने मई 2024 में एक नई दया याचिका दायर की.

11 जुलाई 2024 को उन्होंने अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास को दया याचिका भेजी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

14 फरवरी 2025 को, शाहजादी खान ने जेल से अपने पिता को फोन कर यह संकेत दिया कि उनकी फांसी निकट है. इसके बाद, शब्बीर खान ने 20 फरवरी 2025 को विदेश मंत्रालय से उनकी कानूनी स्थिति और कुशलक्षेम की जांच करने का औपचारिक अनुरोध किया, लेकिन उन्हें कोई अपडेट नहीं मिला.


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