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Sunday, 22 December, 2024
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शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने 2 महीने से बंद सड़क को खोला, नोएडा-फरीदाबाद जाना हुआ आसान

नोएडा को दक्षिण पूर्वी दिल्ली और हरियाणा में फरीदाबाद तक जोड़ने वाली सड़क को शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मद्देनजर गत 15 दिसम्बर से बंद किया हुआ है.

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नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग में लगभग दो महीनों से बंद सड़क के एक छोटे हिस्से को प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शनिवार को ‘खोल’ दिया, लेकिन सड़क के एक तरफ पुलिस ने अवरोधक लगाए रखे.

पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शाहीन बाग में सड़क संख्या नौ को फिर से खोला लेकिन एक अन्य समूह ने इसे फिर बंद कर दिया.’

हालांकि स्थानीय लोगों ने बाद में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क शाम को फिर खोल दी.

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उन्होंने नोएडा और दक्षिण दिल्ली के बीच लोगों के आवागमन के लिए प्रदर्शन स्थल के निकट शाम लगभग 5 बजे सड़क का एक हिस्सा ‘खोला’ लेकिन दिल्ली पुलिस और नोएडा पुलिस इसे एक तरफ से बंद किये हुए है.

नोएडा को दक्षिण पूर्वी दिल्ली और हरियाणा में फरीदाबाद तक जोड़ने वाली सड़क को शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के मद्देनजर गत 15 दिसम्बर से बंद किया हुआ है.

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों वरिष्ठ अधिवक्ताओं संजय हेगड़े तथा साधना रामचंद्रन और प्रदर्शनकारियों के बीच सड़कों को अवरुद्ध किये जाने से लोगों को हो रही समस्या को लेकर तीन दिन चली बातचीत के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.

पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके.

एक अधिकारी ने कहा कि नोएडा यातायात पुलिस हालांकि सड़क पर उत्तर प्रदेश की तरफ प्रतिबंधों को जारी रखे हुए है.

एक प्रदर्शनकारी सोनू वारसी ने कहा, ‘बार-बार यह आरोप लगाया जा रहा था कि प्रदर्शनकारियों ने नोएडा सेक्टर 37 की तरफ जाने वाली कालिंदी कुंज सड़क को अवरूद्ध किया हुआ है. इसलिए आज यह निर्णय लिया गया कि इस आरोप को खत्म किया जाना चाहिए और मार्ग को खोला गया.’

उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों को एक उपहार देने के लिए भी यह निर्णय लिया गया था, जिनकी बातचीत और मध्यस्थता ने मामले को फिर से खोलने में मदद की है. हमने सड़क को खोला और अब यह दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को तय करना है कि वे किन वाहनों को अनुमति देंगे.’

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