वायनाड, 24 जून (भाषा) केरल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वायनाड स्थित कार्यालय के बाहर सत्ताधारी दल माकपा की विद्यार्थी शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के विरोध मार्च ने शुक्रवार को तब हिंसक रूप ले लिया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित रूप से लोकसभा सदस्य के कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस घटना की मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कर्रावाई की चेतावनी दी है।
वनों के आसपास बफर जोन के मुद्दे पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए एसएफआई कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को वायनाड जिले के कलपेट्टा में कांग्रेस सांसद के कार्यालय की ओर एक विरोध मार्च निकाला और कथित तौर पर कार्यालय में तोड़फोड़ की। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसकी व्यापक निंदा की है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जानकारी में वायनाड के सांसद के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। वहीं, विजयन ने कड़े शब्दों में कहा कि राज्य सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक विरोध के लिए जगह सुनिश्चित करती है, लेकिन इसका हिंसा में बदल जाना एक गलत प्रथा है।
पुलिस ने कहा कि सांसद कार्यालय के सामने हंगामे के बाद करीब आठ लोगों को हिरासत में लिया गया और घटना में कुछ पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए। गांधी के कार्यालय पर हमले के बाद युवा कांग्रेस और केएसयू सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में विरोध मार्च निकाला।
पुलिस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि, ‘‘अभी तक आठ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें थाने लाया गया है। कलपेट्टा एसआई सहित कुछ पुलिसकर्मी मार्च के बाद पथराव में घायल हो गए।’’
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि घटना के समय सांसद कार्यालय में मौजूद तीन कर्मचारियों पर एसएफआई कार्यकर्ताओं ने हमला किया। टेलीविजन चैनल ने लोगों के कार्यालय में प्रवेश करने और हंगामे के दृश्य प्रसारित किए।
इमारत के प्रवेश द्वार पर मार्च रोकने के बाद पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल ने हमले की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जानकारी में कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। वेणुगोपाल ने कहा कि जिस पुलिस ने हमले को देखा, तो वह ‘मूक’ बनी रही।
तिरुवनंतपुरम में केपीसीसी कार्यालय में वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा, ‘‘केंद्र में भाजपा सरकार से लड़ने के बजाय, माकपा बफर जोन के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला कर रही थी। मुख्यमंत्री एसएफआई अपराधियों द्वारा नियोजित इस हिंसा के लिए जवाबदेह हैं। पार्टी हमले की कड़ी निंदा करती है।’’
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, ‘‘वायनाड में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय के खिलाफ हमले की कड़ी निंदा करते हैं। राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक विरोध के लिए जगह है, लेकिन इस तरह के विरोध के हिंसक रूप लेने की गलत प्रवृत्ति है।
सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।’’ केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरन ने मुख्यमंत्री के आश्वासन का स्वागत किया, लेकिन उनकी ईमानदारी पर संदेह जताया। सुधाकरन ने कहा कि उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे।
सुधाकरन ने कहा कि यदि माकपा अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने में विफल रहती है, तो हम यह भी जानते हैं कि जवाबी कार्रवाई कैसे की जाती है।
विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि हमला अराजकता और गुंडागर्दी दिखाता है। सतीसन ने ट्वीट किया, ‘‘वायनाड में राहुल गांधी के कार्यालय पर एसएफआई के गुंडों द्वारा भयानक हमला। यह अराजकता और गुंडागर्दी है। सीपीएम एक संगठित माफिया में बदल गया है। हमले की कड़ी निंदा करता हूं।’’
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व घोषणा के गांधी के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला गया। एसएफआई ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन करते हुए आरोप लगाया कि गांधी केरल के पहाड़ी इलाकों में जंगलों के आसपास बफर जोन के मुद्दे में हस्तक्षेप करने में विफल रहे।
हालांकि, घटना से दो घंटे पहले ही वायनाड के सांसद ने बफर जोन पर सर्वोच्च अदालत के फैसले से प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा एक पत्र पोस्ट किया था।
सर्वोच्च अदालत के एक हालिया आदेश में राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास एक किलोमीटर के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) के रखरखाव को अनिवार्य किया गया है, जिसके कारण केरल के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध हुआ है।
भाषा संतोष माधव
माधव
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