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Thursday, 26 September, 2024
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अंतर्वस्त्र हटाये बगैर यौन उत्पीड़न भी बलात्कार माना जाएगा : मेघालय उच्च न्यायालय

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शिलांग,17 (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि किसी महिला के अंतर्वस्त्र के ऊपर से भी उसका यौन उत्पीड़न करना बलात्कार माना जाएगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘भारतीय दंड संहिता की धारा 375(बी) यह कहती है कि महिला के गुप्तांगों में कोई वस्तु डालना बलात्कार माना जाएगा।’’

उच्च न्यायालय की पीठ ने एक हालिया फैसले में कहा कि यदि यह स्वीकार कर लिया जाए कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता के अंतर्वस्त्र पहने होने के बावजूद यह कृत्य किया है, तो भी यह धारा 375 (बी) के तहत अपराध की श्रेणी में आएगा।

पीठ 2006 के एक मामले में एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

इस मामले में आरोपी को निचली अदालत ने 10 वर्षीय एक बच्ची का बलात्कार करने का दोषी पाया था।

अदालत ने दोषी को 10 साल की कैद की सुनाई थी और उस पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। साथ ही, अदालत ने जुर्माना भरने में नाकाम रहने पर उसे अतिरिक्त छह माह कैद में रखने का फैसला सुनाया था।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा व्यक्ति को दोषी ठहराये जाने के फैसले को 14 मार्च को बरकरार रखा। साथ ही, उसे सुनाई गई सजा में भी कोई बदलाव नहीं किया।

आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने खुद पर से नियंत्रण खो दिया था और यह अपराध किया।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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