नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुलिस को ठाणे जिले के बदलापुर कस्बा स्थित एक स्कूल में दो छात्राओं के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास का आरोप दर्ज करने का निर्देश दिया है.
शिंदे ने मंगलवार को कहा कि मामले की त्वरित सुनवाई की जाएगी और एक विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया जाएगा.
घटना के बाद अभिभावकों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया है, जिसने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ की. वह बदलापुर स्टेशन पर पटरियों पर उतर आए और लोकल ट्रेनों का परिचालन अवरूद्ध कर दिया.
सुबह करीब 8:30 बजे उपनगरीय ट्रेनों का मार्ग अवरुद्ध हो गया. उन्होंने रेलवे स्टेशन पर पथराव भी किया.
इस बीच, शिंदे ने कहा, ‘‘मैंने ठाणे के पुलिस आयुक्त से बात की है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मैंने मामले की त्वरित सुनवाई करने और आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने को कहा है.’’
वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाया है.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने घटना पर अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी जाएगी.
उन्होंने सवाल किया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के लिए पीड़िता के माता-पिता को 12 घंटे तक इंतज़ार क्यों कराया.
कानूनगो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी करूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को दंडित किया जाए.’’
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि मुख्यमंत्री शिंदे ने चेतावनी दी है कि अगर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही या मिलीभगत पाई गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. शिंदे ने प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों से संयम बरतने की अपील की, क्योंकि रेल रोके जाने से लोकल ट्रेनों का परिचालन अवरूद्ध हो रहा है.
पुलिस ने 17 अगस्त को स्कूल के एक अटेंडेंट को तीन और चार साल की दो छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर गिरफ्तार किया था. पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, उसने स्कूल के शौचालय में बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया था.
स्कूल प्रबंधन ने घटना को लेकर प्राचार्य, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित किया है.
शिंदे ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की ज़रूरत पर जोर दिया.
सीएमओ के अनुसार, मुख्यमंत्री ने ठाणे पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह इस मामले को पूरी तत्परता के साथ देखें. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इस बात की पुष्टि करने के लिए समीक्षा करने का आह्वान किया है कि क्या स्कूलों में सखी सावित्री समितियां स्थापित की गई हैं, जो छात्राओं की सहायता और सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं.
शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के साथ बैठक के दौरान शिंदे ने स्कूलों की सुरक्षा में सुधार लाने और भविष्य में यौन उत्पीड़न की घटनाएं रोकने के उद्देश्य से कई उपायों का प्रस्ताव रखा, जैसे कि प्रत्येक स्कूल में शिकायत पेटी लगाना, कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच सहित छात्रों के साथ अक्सर बातचीत करने वाले स्कूल कर्मचारियों की जांच बढ़ाना और छात्रों के लिए सुरक्षित रिपोर्टिंग तंत्र स्थापित करना.
मुख्यमंत्री ने सभी स्कूल प्रबंधन से अपने कर्मचारियों के साथ तत्काल चर्चा करने और कठोर निगरानी उपायों को लागू करने का भी आह्वान किया है.
इससे पहले मंगलवार सुबह, स्कूली बच्चों के गुस्साए अभिभावक और स्थानीय नागरिक स्कूल के बाहर एकत्र हुए. उन्होंने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई और घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ कठोर सजा की मांग की.
पुलिस ने बताया कि बाद में महिलाओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल का गेट तोड़ दिया और परिसर के अंदर तोड़फोड़ की.
पुलिस के अनुसार, राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के आयुक्त रवींद्र शिसवे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रेलवे स्टेशन पर हैं और भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया जा रहा है.
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मामले में फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाने और जल्दी इंसाफ देने की मांग की.
ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि एक तरफ ‘महायुति’ सरकार महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाड़की बहिन योजना चला रही है, लेकिन बहनों की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं.
कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार के और उसके बाद हत्या की घटना का स्पष्ट संदर्भ देते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि कुछ राज्यों को निशाना बनाकर महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राजनीति की जा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जिस स्कूल में लड़कियों के साथ कथित तौर का यौन शोषण हुआ, उसका संबंध भाजपा नेताओं से है.
उन्होंने कहा, “मामले की त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए.”
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