नई दिल्लीः अफगानिस्तान के कंधार में लगातार बदतर होती सुरक्षा स्थितियों के कारण भारतीय कॉन्सुलेट के कुछ स्टाफ को वहां से खाली करवा दिया गया है. हालांकि, दूतावास की आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी.
सूत्रों ने बताया कि कंधार में भारतीय दूतावास को बंद किए जाने की खबरें गलत हैं. भारत ने पहले भी इस बात के संकेत दिए थे कि अगर सुरक्षा की स्थितियां गंभीर होती हैं तो अधिकारियों को भारतीय नागरिकों को वहां से वापस लाया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, चूंकि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थितियां बदहाल होती जा रही हैं इसलिए देश के अलग अलग हिस्सों में मौजूद अधिकारियों को वापस लाने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं और कई एजेंसियों के साथ चर्चाएं भी की जा रही हैं.
काबुल में भारतीय दूतावास के साथ साथ कंधार और मज़ार में कॉन्सुलेट भी मौजूद है. इसमें करीब 500 स्टाफ काम करते हैं. इस साल की शुरूआत में हेरात और जलालाबाद में मौजूद कॉन्सुलेट ने ऑपरेशन को बंद कर दिया था.
अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों की बदतर होती स्थितियों के बारे में भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामूंदज़े ने कहा कि तालिबान को हिंसा को बंद करना चाहिए और खून खराबे का अंत होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि दो लाख सिविलियन पहले से ही विस्थापित हो चुके हैं. पहले से ही 375 जिलों में से 200 जिलों में अफगान फोर्सेज और तालिबान फाइटर्स के बीच लड़ाई चल रही है. ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और ईरान जैसे देशों में बॉर्डर से लगे जिलों में भी झड़प चल रही है.’
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