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‘पीएम श्री’ स्कूलों को लेकर तमिलनाडु को कई पत्र भेजे गए : सूत्र

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नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) पिछले दो वर्षों में तमिलनाडु सरकार को कई पत्र भेजकर राज्य में ‘पीएम श्री’ स्कूल योजना को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया गया। शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को आरोप लगाया था कि राज्य के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और तीन भाषा नीति को खारिज करने पर केंद्र ने “खुले तौर पर ब्लैकमेल” करते हुए राज्य के हिस्से के 2,152 करोड़ रुपये छीन कर यह रकम अन्य राज्यों को दे दी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, ‘‘हमने पिछले दो वर्षों में उन्हें (तमिलनाडु सरकार को) कई पत्र लिखे हैं। पिछले साल, उन्होंने शुरू में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के संबंध में सहमति व्यक्त की थी, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।’’

हालांकि, अन्य राज्यों को धन देने के आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

स्टालिन ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘तमिलनाडु के खिलाफ केंद्र की भाजपा सरकार का अन्यायपूर्ण रवैया बेबुनियाद है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और तीन-भाषा नीति को लागू करने से इनकार करने पर, उन्होंने खुलेआम ब्लैकमेल किया, तमिलनाडु के छात्रों के लिए निर्धारित 2,152 करोड़ रुपये छीन लिए और अब उन्होंने इसे दूसरे राज्यों को सौंप दिया है। यह हमारे छात्रों को उनके अधिकारों के लिए खड़े होने पर दंडित करने के अलावा और कुछ नहीं है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भारत के इतिहास में कोई भी सरकार किसी राज्य के खिलाफ राजनीतिक बदला लेने के लिए इतनी निर्दयी नहीं रही है। भाजपा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह तमिलनाडु और उसके लोगों से नफरत करती है।’’

‘पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया’ (पीएम श्री) योजना का लक्ष्य 14,500 स्कूलों को ‘अपग्रेड’ करना है। इससे 18 लाख छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि ये स्कूल मॉडल संस्थान के रूप में काम करें और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना को समाहित करें।

सरकार ने पहले चरण में ‘अपग्रेड’ के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 6,448 स्कूलों का चयन कर लिया है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और दिल्ली ही ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक ऐसे स्कूलों के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

भाषा आशीष नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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