(कुणाल दत्त)
पटना, 13 अगस्त (भाषा) अगस्त 1942 में महात्मा गांधी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान करने के तीन दिन बाद, युवाओं के एक समूह ने पटना सचिवालय पर भारतीय ध्वज फहराने का प्रयास किया, लेकिन तिरंगा फहराने से पहले ही उनमें से सात सुरक्षा बलों की गोलियां लगने से शहीद हो गए।
यह घटना 11 अगस्त को हुई थी। इसकी 80वीं बरसी पर बृहस्पतिवार को शहीद स्मारक पर उनके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्मारक का निर्माण स्वतंत्रता के बाद किया गया था।
इन सात युवाओं या ‘सात शहीद’ द्वारा दिेए गए सर्वोच्च बलिदान के पांच साल बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी। इन युवाओं में से छह हाई स्कूल में थे जबकि सातवां कॉलेज में पढ़ता था।
भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है और 15 अगस्त को लाल किले और देश भर में भव्य समारोह आयोजित किए जाएंगे।
15 अगस्त को जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा, इस ऐतिहासिक दिन पटना में शहीद स्मारक की आधारशिला रखने की भी 75वीं वर्षगांठ होगी। स्मारक का निर्माण सात शहीदों के सम्मान में बिहार विधानसभा परिसर के सामने एक चौराहे पर और एक शताब्दी पुराने पटना सचिवालय के पूर्व में किया गया था। इसकी आधारशिला 15 अगस्त, 1947 को बिहार के पहले राज्यपाल जयरामदास दौलतराम ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह की उपस्थिति में रखी थी।
उनकी शहादत की 80वीं बरसी पर, बिहार सरकार ने यूट्यूब पर एक छोटा वीडियो जारी किया जिसमें पटना में भारत छोड़ो आंदोलन और ‘सात शहीद’ की कहानी हैशटैग ‘‘आजादी का उत्सव’’ के साथ बताई गई।
वीडियो में साथ कहा गया है, ‘‘बड़े नेताओं को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे डालने के बाद छात्रों ने स्वतंत्रता संग्राम की बागडोर अपने हाथों में ले ली थी।’’
वीडियो में इन सात युवा शहीदों के नाम भी साझा किए गए हैं- देवीपाद चौधरी, उमाकांत प्रसाद सिन्हा, रामानंद सिंह, सतीश प्रसाद झा, जगतपति कुमार, राजेंद्र प्रसाद सिंह और रामगोविंद सिंह।
पटना में शहीद स्मारक का अनावरण 24 अक्टूबर 1956 को प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने किया था।
उत्कृष्ट कला कृति प्रसिद्ध कलाकार देवी प्रसाद रॉय चौधरी द्वारा बनाई गई थी। चौधरी नयी दिल्ली में स्थापित ‘ग्यारह मूर्ति’ के लिए भी प्रसिद्ध हैं जिसमें महात्मा गांधी एक समूह का नेतृत्व करते हुए दिखाई देते हैं।
गरदनीबाग इलाके के रहने वाले पटना विश्वविद्यालय के छात्र कार्यकर्ता अमन लाल ने कहा, ‘‘हर साल हम एआईएसएफ के सदस्य 11 अगस्त को सात मूर्ति पर सात शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और ‘सात शहीद अमर रहें’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘आजादी के वीरों की शहादत, विरासत अमर रहे’ का नारा लगाते हैं।’’
भाषा अमित पवनेश
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