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Monday, 8 September, 2025
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हिमाचल, उत्तराखंड में भूस्खलन से सात की मौत; अमित शाह ने जम्मू में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया

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नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन से सात लोगों की मौत हो गई, जबकि बाढ़ प्रभावित पंजाब में सोमवार को फिर मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए।

जम्मू-कश्मीर के कटरा कस्बे में भारी वर्षा के बीच माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा लगातार सातवें दिन स्थगित रही। पिछले मंगलवार को यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने जम्मू के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र का ताबड़तोड़ दौरा किया। उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।

प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद नवीनतम स्थिति की समीक्षा के लिए राजभवन में एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने सभी एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने बहुत तेजी से सफल बचाव अभियान चलाया।

पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में 35-वर्षीय एक व्यक्ति और उसकी बेटी सहित पांच लोगों की मौत हो गई। राज्य में कई स्थानों पर भारी बारिश हुई।

शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के बाद छह ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और राज्य में पांच राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 793 सड़कें बंद हैं।

स्थानीय मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए मंगलवार तक छह जिलों के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है।

शिमला शहर के बाहरी इलाके जुन्गा के डबलू इलाके में रात को हुए भूस्खलन में वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 वर्षीय बेटी की मौत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि शिमला के जुब्बल के बधाल गांव में भूस्खलन की एक अन्य घटना में 23-वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि शिमला के कोटखाई इलाके के चोल गांव में सोमवार तड़के एक घर के ढह जाने से एक बुजुर्ग महिला दब गई।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य विधानसभा को बताया कि हडसर और मणिमहेश झील के बीच कुगती से चार और शव बरामद होने के साथ ही 15 अगस्त को शुरू हुई मणिमहेश यात्रा के दौरान मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।

उन्होंने बताया कि मार्ग पर फंसे 15,000 तीर्थयात्रियों में से 10,000 को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश में 76 वर्षों में सबसे ज़्यादा बारिश वाला अगस्त महीना रहा, जहां इस महीने 431.3 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1949 के बाद से सबसे ज़्यादा है।

उत्तराखंड में केदारनाथ मार्ग पर सोमवार तड़के हुए भूस्खलन में दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और छह घायल हो गए, जबकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है, जिसके कारण चार धाम और हेमकुंड साहिब तीर्थयात्रा पांच सितंबर तक अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है।

केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुनकटिया के पास सुबह 7:34 बजे भूस्खलन हुआ। रुद्रप्रयाग आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पहाड़ी से गिरे पत्थरों और इसका मलबा एक चलती गाड़ी से टकराया, जिससे दो यात्रियों की मौत हो गई और छह घायल हो गए।

पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कई हिस्सों में सोमवार को भी बारिश हुई, जिसमें लुधियाना में सबसे ज्यादा 216.70 मिमी बारिश दर्ज की गई।

लगातार बारिश के कारण पंजाब के कई जिले जलमग्न हो गए हैं।

पंजाब सरकार ने सोमवार को लगातार बारिश के कारण सभी महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को तीन सितंबर तक बंद करने की घोषणा की।

अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त में 253.7 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 74 प्रतिशत अधिक और राज्य में 25 वर्षों में सबसे अधिक है।

सेना ने सोमवार को कहा कि अब तक 5,000 से अधिक नागरिकों को बचाया गया है और बाढ़ से प्रभावित जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लोगों को 21 टन राहत सामग्री प्रदान की गई है।

भारतीय सेना की पश्चिमी कमान बाढ़ प्रभावित राज्यों में व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान चला रही है।

एक अधिकारी ने बताया कि तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सेना विमानन और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों सहित कुल 47 टुकड़ियों को सक्रिय किया गया, साथ ही इंजीनियरों, चिकित्सा और संचार संसाधनों को भी तैनात किया गया।

राजस्थान में, राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, जिससे अजमेर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और अन्य जगहों पर सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

राज्य में सबसे अधिक 211 मिमी बारिश पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर के चामू इलाके में दर्ज की गई।

अजमेर में रविवार रात लगातार हुई बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिससे कई सड़कें जलमग्न हो गईं और लोग अपने घरों में फंस गए।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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