मुंबई, 13 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) से सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर दूसरी अपील और शिकायतों के शीघ्र निपटारा के लिए उचित समय सीमा तय करने वाला एक खाका तैयार करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि मुख्य सूचना आयुक्त के पद सहित सभी रिक्तियां फरवरी 2024 के पहले सप्ताह तक भर दी जाएं।
अदालत ने कहा कि वैधानिक प्रावधान कहते हैं कि पहली अपील दाखिल होने के 45 दिन की अवधि के भीतर सुनी जानी चाहिए, लेकिन दूसरी अपील या शिकायत के निपटारा के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
अदालत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसी किसी वैधानिक व्यवस्था के अभाव में भी आयोग से उचित समय सीमा में दूसरी अपील का निपटारा करने की उम्मीद की जाती है।
पीठ ने कहा, ‘‘आयोग के प्रभावी कामकाज और उसके समक्ष लाई जाने वाली दूसरी अपील तथा शिकायतों के शीघ्र निपटारा की वांछनीयता पर विवाद नहीं किया जा सकता है।’’
अदालत पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त शैलेश गांधी और कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आयोग के प्रभावी कामकाज पर चिंता जताई गई है।
याचिकाकर्ताओं की मुख्य दलील यह है कि आयोग के समक्ष दूसरी अपील के निपटारा में काफी समय लगता है, जिसके परिणामस्वरूप सूचना मांगने वाले को निराशा होती है।
पीठ ने मुख्य सूचना आयुक्त को दूसरी अपील और शिकायतों के शीघ्र निपटारे के लिए कुछ उचित समय सीमा तय करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च 2024 को तय की है।
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