श्रीनगर, 17 मई (भाषा) जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दूसरे देशों में भेजना एक अच्छा अवसर है।
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं को बताया, “इन प्रतिनिधिमंडलों में सभी बड़ी पार्टियों के सदस्य शामिल होंगे और यह महत्वपूर्ण देशों के सामने भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का एक अच्छा अवसर है।”
उन्होंने कहा कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान संसद पर हमले के बाद भी इसी तरह से कुछ देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन पराक्रम के दौरान संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेशों में भेजा गया। यह अच्छा है।”
पहलगाम में 22 अप्रैल को हमले के बाद कश्मीर घाटी में पर्यटन में आई कमी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार का ध्यान अब तीन जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा को दुर्घटना मुक्त तरीके से आयोजित करने पर है।
उन्होंने कहा, “पर्यटन पर काफी बुरा असर पड़ा है। हमारा यह ग्रीष्मकालीन सीजन लगभग खत्म हो चुका है, हमारे यहां बमुश्किल ही कोई पर्यटक आ रहा है। अब हमारा ध्यान अमरनाथ यात्रा पर है।”
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि अमरनाथ यात्रा बिना किसी अप्रिय घटना के संपन्न हो तथा सभी यात्री सुरक्षित और स्वस्थ वापस लौटें। इसके बाद हम पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्या कर सकते हैं, इस पर विचार करेंगे।”
सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूदा स्थिति पर अब्दुल्ला ने कहा कि फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति के उल्लंघन की कोई रिपोर्ट नहीं है।
उन्होंने कहा, “नुकसान का आकलन किया जा रहा है। एक बार नुकसान पर आकलन रिपोर्ट आ जाए, तो हम मुआवजा पैकेज पर काम करेंगे। हम जो भी कर सकते हैं, करेंगे और केंद्र से जो भी मदद चाहिए, हम केंद्र से मांगेंगे।”
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प्रशांत माधव
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