नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के लोधी रोड स्थित कार्यालय के मालखाने से 1.5 करोड़ रुपये की नकदी-जेवर की कथित चोरी में हवलदार की गिरफ्तारी के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी के सभी मालखानों में निगरानी का कार्य 10-12 कर्मियों के बजाय 20 कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। यहां एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि आमतौर पर मालखाने की निगरानी सीसीटीवी फुटेज के जरिए की जाती है और कड़ी निगरानी रखने के लिए वहां हमेशा 10 से 12 कर्मचारी तैनात रहते हैं।
पुलिस सूत्र ने बताया, ‘‘हमने सभी मालखानों में सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है और अब से वहां कड़ी निगरानी रखने के लिए 20 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।’’
यह निर्णय दिल्ली पुलिस में तैनात हवलदार खुर्शीद को विशेष प्रकोष्ठ से मामलों से जुड़ी मूल्यवान संपत्ति चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान कथित तौर पर खुर्शीद ने बताया कि वह ‘ऑनलाइन गेमिंग’ और जुए में लिप्त था और उसे अपना कर्ज चुकाने के लिए धन की आवश्यकता थी।
कुछ अधिकारियों ने कहा कि संदिग्ध उस समय घुसने में सफल रहा जब सुरक्षा व्यवस्था कम थी, जबकि अन्य ने दावा किया है कि घटना के समय पुलिस थाने में कोई सुरक्षा नहीं थी।
सूत्रों ने बताया कि खुर्शीद पहले विशेष प्रकोष्ठ से संबद्ध रहा और उसकी मालखाने तक पहुंच थी। उन्होंने बताया कि हाल ही में उसका तबादला पूर्वी जिले में कर दिया गया था, लेकिन आशंका है कि वह ‘डुप्लीकेट’ चाबी का इस्तेमाल कर परिसर में प्रवेश करता रहा।
यह मामला पिछले माह के आखिर में तब प्रकाश में आया जब कुछ अधिकारियों ने मालखाने से कुछ नकदी को गायब पाया। हालांकि शुरू में माना गया कि यह नकदी कहीं गुम हो गई है, लेकिन जब मालखाना खुला पाया गया तो मामला गंभीर हो गया और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्होंने खुर्शीद को देर रात मालखाने में घुसते देखा और उसने कथित तौर पर ‘डुप्लीकेट’ चाबी का इस्तेमाल करने के बाद सामान चुरा लिया। घटना के समय परिसर में या तो कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था या ड्यूटी पर तैनात कर्मी सो रहा था।
सूत्र ने बताया, ‘‘खुर्शीद ने करीब 18 महीने तक मालखाना प्रभारी के सहायक के तौर पर काम किया और कथित तौर पर इस जानकारी का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। उसने अपने कार्यकाल के दौरान बनाई गई चाबियों की नकल हासिल कर ली और अपने तबादले के बाद सतर्कता की कमी का फायदा उठाया।’’
संदिग्ध को 31 मई को उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित उसके घर से पकड़ लिया गया, उसी दिन उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया और उसकी कार से कुछ चोरी का सामान बरामद किया गया।
भाषा यासिर पवनेश
पवनेश
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