नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने स्पष्ट किया कि “सुरक्षा बलों को क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को धमकी देने वाले किसी भी प्रयास को कुचलने के लिए पूरी स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी.”
लगभग तीन घंटे तक चली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, सेना प्रमुख, मुख्य सचिव और जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के निदेशक एवं भारत सरकार, सेना और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
मोदी सरकार की आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर की प्रतिबद्धता दोहराते हुए अमित शाह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के सतत प्रयासों ने भारत विरोधी ताकतों द्वारा पोषित आतंकवादी नेटवर्क को लगभग पूरी तरह से कमजोर कर दिया है.
Reviewed the security of Jammu and Kashmir along with the Lt. Governor and other senior officials.
We are committed to cripple the terror ecosystem in J&K. Our security forces will continue to have full freedom to crush any attempt to threaten peace and security in the region.… pic.twitter.com/1tPTypPuwP
— Amit Shah (@AmitShah) October 9, 2025
उन्होंने आश्वासन दिया कि “केंद्र आतंकवाद-रोधी अभियानों को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन प्रदान करना जारी रखेगा.”
सुरक्षा बलों की सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा, “सुरक्षा बलों को क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने वाले किसी भी प्रयास को कुचलने के लिए पूरी स्वतंत्रता होगी.”
उन्होंने हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा उठाए गए कदमों की भी सराहना की और बताया कि इन उपायों ने घाटी में समग्र सुरक्षा परिदृश्य को बेहतर बनाने में मदद की है.
सभी एजेंसियों के समन्वय के महत्व पर जोर देते हुए गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए सतर्कता बढ़ाने का आह्वान किया. शीतकाल के आगमन के मद्देनजर, उन्होंने सुरक्षा बलों को निर्देश दिए कि आतंकवादी हिमपात का फायदा उठाकर सीमा पार घुसपैठ न कर सकें.