भोपाल, 22 फरवरी (भाषा) मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भोपाल की सेंट्रल जेल की सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। साथ ही जेल की सुरक्षा को सख्त करने के लिए सशस्त्र बलों के एक दस्ते को तैनात करने का भी फैसला किया है।
भोपाल की इस जेल में 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों के छह दोषी कैद हैं। इन दोषियों में धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता सफदर नागोरी भी शामिल है।
नागोरी उन 38 दोषियों में से एक है जिन्हे 18 फरवरी को गुजरात की एक अदालत ने अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों के मामले में मौत की सजा सुनाई थी।
मिश्रा ने सोमवार शाम को शीर्ष पुलिस और जेल अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि भोपाल केंद्रीय कारागार की सुरक्षा की निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जहां अहमदाबाद विस्फोटों से जुड़े आतंकवादी बंद हैं।
उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्ष जेल विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक गाजीराम मीणा हैं। समिति में उप महानिरीक्षक संजय पांडे और भोपाल केंद्रीय कारागार के अधीक्षक दिनेश नरगावे को शामिल किया गया है।
प्रदेश के जेल विभाग के मंत्री मिश्रा ने कहा, ‘‘ समिति इन दोषियों से मिलने के इच्छुक लोगों, इनके भोजन और सुरक्षा जैसे सभी पहलुओं की दैनिक आधार पर समीक्षा करेगी।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भोपाल के पुलिस आयुक्त को केंद्रीय कारागर के आसपास की निगरानी और गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
मिश्रा ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्रीय जेल में विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के एक दस्ते को तैनात करने का भी फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक भी सीसीटीवी के जरिए सुरक्षा पर नजर रखेंगे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय जेल कर्मियों से हॉटलाइन के जरिए भी बात कर सकते हैं।
पिछले सप्ताह गुजरात की एक विशेष अदालत ने 2008 के अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों के मामले में 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाई और 11 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई। अहमदाबाद धमाकों में 56 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले का मूल निवासी नागोरी (54) प्रतिबंधित इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का महासचिव था। इस मामले में भोपाल जेल में बंद अन्य दोषियों में कमरुद्दीन नागोरी, शिवली, शादुली, आमिल परवेज, हाफिज है जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है जबकि इसी मामले में यहां कैद अंसाब को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन पांचों दोषियों की उम्र 35 से 50 साल के बीच है।
इस मामले में भोपाल केंद्रीय जेल में बंद तीन आरोपियों, अहमद बेग, यासीन और कामरान को बरी कर दिया गया है।
भाषा दिमो धीरज
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