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श्रीनगर, आठ अप्रैल (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सभी सुरक्षा एजेंसियों से अनुच्छेद 370 के निरसन के बाद मिली सफलता को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर को आतंक मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए समन्वित तरीके से काम करने का आह्वान किया।
शाह ने यहां सुरक्षा समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति स्थापित करने और आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘‘सभी एजेंसियों को समन्वित तरीके से काम करना जारी रखना चाहिए ताकि इस केंद्र शासितप्रदेश में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद मिली सफलता को बरकरार रखा जा सके और ‘आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर’ का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल किया जा सके।’’
बैठक के दौरान उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण आतंकवाद से संबंधित घटनाओं, घुसपैठ और आतंकवादी संगठनों में युवाओं की भर्ती में उल्लेखनीय कमी आई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को ‘कतई बर्दाशत नहीं करने की नीति’ दोहरायी।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार के सतत और समन्वित प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में देश विरोधी तत्वों द्वारा पोषित संपूर्ण आतंकी समर्थक (इकोसिस्टम) तंत्र को पंगु बना दिया गया है।
उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के साथ प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘क्षेत्रीय वर्चस्व योजना और शून्य आतंक योजना का कार्यान्वयन मिशन मोड में सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने इस वर्ष तीन जुलाई से नौ अगस्त तक होने वाली श्री अमरनाथजी यात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की और संबंधित एजेंसियों को तीर्थयात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इससे पहले विकास समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार विकसित जम्मू-कश्मीर के निर्माण की दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों से विकास और कल्याणकारी पहलों के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के लिए समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर हर क्षेत्र में विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष बिजली, कनेक्टिविटी, उद्योग, पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में केंद्र शासित प्रदेश की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।
गृह मंत्री ने एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में विकास की गति को और तेज करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि केंद्र शासित प्रदेश की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके।
शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे के बाद राष्ट्रीय राजधानी लौट गये।
अधिकारियों ने बताया कि राजभवन में आयोजित विकास समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं जम्मू कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि मुख्यमंत्री अब्दुल्ला सुरक्षा समीक्षा बैठक का हिस्सा नहीं थे, जिसमें पुलिस और सेना एवं अन्य सुरक्षा बल एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया था।
शाह सोमवार शाम कश्मीर घाटी पहुंचे थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी तथा जनता दल यूनाइटेड जैसे सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात की।
सोमवार को पहुंचने के तत्काल बाद शाह कीर्ति चक्र से सम्मानित पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं मुजम्मिल भट के घर गये। हुमायूं मुजम्मिल भट ने 2023 में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिये थे।
राजभवन जाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने दिवंगत पुलिस अधिकारी के पिता एवं सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) गुलाम हसन भट के साथ करीब 20 मिनट बिताए।
मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित हुमायूं मुजम्मिल भट उन चार सुरक्षाकर्मियों में शामिल थे जो सितंबर 2023 में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग के गदूल गांव के आसपास घने जंगलों में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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