नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट का दूसरा जहाज ‘उदयगिरि’ मंगलवार को नौसेना को सौंप दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह फ्रिगेट बहुत-से मिशनों के लिए कार्य करने में सक्षम है और यह जहाज समुद्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के खतरों से निपटते हुए भारत के हितों की रक्षा करने के लिए उपयुक्त है।
इसने बताया कि पी-17ए जहाजों के पतवार पूर्ववर्ती पी-17 जहाजों की तुलना में 4.54 फीसदी अधिक बड़े हैं। इन जहाजों को पी-17 वर्ग की तुलना में अधिक आधुनिक और रडाररोधी विशेषताओं वाले उन्नत हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस जहाज को जिन हथियारों से लैस किया गया है उनमें सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, 76 मिमी गन तथा तीव्र गति से गोलाबारी करने वाली 30 मिमी और 12.7 मिमी की हथियार प्रणालियां शामिल हैं।
बयान के अनुसार, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएसएल) में निर्मित प्रोजेक्ट 17ए का दूसरा स्टेल्थ फ्रिगेट यार्ड 12652 ( उदयगिरि ) एक जुलाई को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
यह पहले से सेवा में शामिल शिवालिक श्रेणी (प्रोजेक्ट 17) के फ्रिगेट के बाद परियोजना का दूसरा जहाज है।
अधिकारियों के मुताबिक, ‘उदयगिरि’ एमडीएल, मुंबई और जीआरएसई, कोलकाता में निर्माणाधीन सात परियोजना 17ए फ्रिगेट में से दूसरा है और इसे जलावतरण की तारीख से पहले 37 महीने के रिकॉर्ड समय में भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है।
मंत्रालय ने बताया कि पी 17ए श्रेणी के शेष पांच जहाज एमडीएल, मुंबई और जीआरएसई, कोलकाता में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और 2026 के अंत तक क्रमिक रूप से नौसेना को सौंप दिए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इन जहाजों में भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो की अपनी अभूतपूर्व डिजाइन क्षमताओं में वृद्धि की झलक मिलती है।
नौसेना ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ‘उदयगिरि’ की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
इसने कहा कि नौसेना के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि ‘उदयगिरि’ युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन और वितरित किया गया 100वां जहाज है।
मंत्रालय के मुताबिक, उदयगिरि अपने पूर्ववर्ती आईएनएस उदयगिरि का आधुनिक अवतार है, जो भाप से चलने वाला जहाज था और राष्ट्र की 31 वर्षों की शानदार सेवा प्रदान करने के बाद उसे 24 अगस्त 2007 को सेवामुक्त कर दिया गया।
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नोमान नरेश
नरेश
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