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Tuesday, 24 December, 2024
होमदेशस्क्रिप्ट तैयार लेकिन प्रोडक्शन रुका? योगी की फिल्म सिटी को नहीं मिला अब तक कोई खरीदार, बातचीत जारी

स्क्रिप्ट तैयार लेकिन प्रोडक्शन रुका? योगी की फिल्म सिटी को नहीं मिला अब तक कोई खरीदार, बातचीत जारी

दूसरी बार टेंडर निकालने के बाद भी किसी खरीदार के आगे न आने पर YEIDA ने डेवलपर्स या कंपनियों के लिए आवेदन करने की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी थी. इसमें विफल रहने पर आगे की राह पर चर्चा करने के लिए 4 अप्रैल को एक बैठक आयोजित की जाएगी.

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नई दिल्ली: दो साल की देरी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौतमबुद्ध नगर में एक ‘फिल्म सिटी’ बनाने का ड्रीम प्रोजेक्ट साकार होने की राह पर आगे बढ़ता नजर आने लगा है. बताया जा रहा है कि इसके लिए सुपरस्टार रजनीकांत जैसे बड़े नामों के साथ बातचीत की जा रही है.

हालांकि प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाने के लिए अभी तक किसी एजेंसी ने रुचि नहीं दिखाई है. इसके लिए अधिग्रहित 1,000 एकड़ का विशाल भूखंड बंजर पड़ा है, जिसमें चारों ओर खरपतवार और झाड़ियों अटी पड़ी हैं. यह स्थिति सरकार की ओर से ओटीटी प्लेटफॉर्म और वीएफएक्स स्टूडियो के लिए रियायत और शर्तों में ढील देने के बावजूद है.

यूपी सरकार के सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते इस प्रोजेक्ट को लेकर सीएम और रजनीकांत के बीच बातचीत हुई थी. ‘रजनीकांत ने दिलचस्पी दिखाई है और सीएम जल्द ही उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे. सरकार चाहती है कि करण जौहर या रजनीकांत जैसी हस्तियां इस परियोजना को अपने हाथ में लें और इसीलिए वे बार-बार समय सीमा आगे बढ़ा रहे हैं.’

प्रस्तावित फिल्म सिटी के लिए अधिग्रहित जमीन यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सेक्टर 21 में जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से महज 15 मिनट की दूरी पर है.

योजना के अनुसार, ‘फिल्म सिटी’ में मूवी स्टूडियो, शॉपिंग मॉल, फिल्म इंस्टीट्यूट, रेस्तरां और एक मनोरंजन पार्क होगा और ये एक हाई-टेक सुविधा के रूप में काम करेगा. YEIDA ने कथित तौर पर डेवलपर्स के लिए आवेदन करने की समय सीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दी थी.

Signboard leading to site of proposed Film City in Greater Noida | By special arrangement
ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित फिल्म सिटी की ओर जाने वाला साइनबोर्ड | फोटो: विशेष प्रबंधन

YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने दिप्रिंट को बताया, ‘अगर हमें बोली लगाने वाला मिल जाएगा, तो हमें खुशी होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगे की बोली के लिए 4 अप्रैल को एक बैठक आयोजित की जाएगी.’

यह पूछे जाने पर कि महत्वाकांक्षी परियोजना को खरीदार क्यों नहीं मिल रहे हैं, सिंह ने कहा कि इसकी एक वजह यह है कि कोई भी एक हजार एकड़ भूमि में निवेश नहीं करना चाहता था. तो वहीं दूसरी वजह फिल्म इंडस्ट्री का बदलना है.

उधर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से भी ज्यादा उत्साहित करने वाली प्रतिक्रियाएं नहीं आई हैं.

इंडस्ट्री के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं का एक वर्ग देश में राजनीतिक स्थिति और बेहद बारीकी से की जाने वाली जांच से गुजरने के कारण उत्तर प्रदेश में ‘फिल्म सिटी’ के विचार में दिलचस्पी नहीं रखता है.

फिल्म निर्देशक सुधीर मिश्रा ने कहा कि किसी भी इंडस्ट्री को विकसित होने में समय लगता है. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘हम कहीं भी लोगों को बाध्य नहीं कर सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में बहुत सारी फिल्में बन रही हैं. मैंने भी वहां अपनी फिल्मों की शूटिंग की है. लेकिन फिल्म इंडस्ट्री को यहां विकसित होने के लिए समय चाहिए. मुझे यूपी से कोई दिक्कत नहीं है. शूटिंग के लिए यहां काफी सारी अच्छी जगहे हैं, लेकिन आपको कुछ हद तक कॉस्मोपॉलिटेनिज्म की भी जरूरत होती है.’

इस महीने की शुरुआत में YEIDA के सीईओ सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रोजेक्ट की राह में आ रही रुकावटों के बारे में लिखा था. इसके बाद चर्चाओं का दौर चला. सिंह ने दिप्रिंट को बताया, ‘बॉलीवुड, टॉलीवुड और फिल्म निर्माताओं के साथ चर्चा के बाद हमें पता चला कि कोई भी एक हजार एकड़ में निवेश करने में रुचि नहीं दिखा रहा है. इसलिए हमने सोचा कि इसे चार हिस्सों में बांट लें. क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री का परिदृश्य बदल गया है. लोगों की सोच ये भी थी कि इतने बड़े प्लॉट में निवेश करने से नुकसान होगा और किसी को फायदा नहीं होगा.’

YEIDA के सीईओ ने आगे कहा कि प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए जिस अंतर्राष्ट्रीय कंसल्टेंसी फर्म की मदद ली गई थी, वो बदलते परिदृश्य के बीच फिल्म इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने में विफल रही. इसी वजह से देरी हुई.

दिप्रिंट ने इस मुद्दे पर बात करने के लिए फोन और मैसेज के जरिए अभिनेता सुनील शेट्टी से संपर्क किया था, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. प्रतिक्रिया मिलने पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा. अभिनेता सुनील शेट्टी इस मसले पर अपनी राय रखते आए हैं.

फिलहाल प्रोजेक्ट के लिए के लिए आशा की एक किरण नजर आ रही है. क्योंकि एक इच्छुक खरीदार इसमें अपनी दिलचस्पी दिखा रहा है. वह एक अनुभवी फिल्म निर्माता हैं जो योगी आदित्यनाथ का ‘काफी सम्मान’ करते हैं.

पहले के टेंडर

पिछले कुछ समय में यूपी सरकार ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिए दो बार टेंडर जारी किए है. लेकिन सरकार फिर भी बोली लगाने वाले को पाने में विफल रही है.

नवंबर 2021 में राज्य सरकार की ओर से जारी ग्लोबल टेंडर, किसी भी बोली लगाने वाले को आकर्षित करने में असफल रहा. एक कंपनी ने समय सीमा तीन बार बढ़ाए जाने के बाद आवेदन किया था, लेकिन प्रक्रिया के लिए आवश्यक न्यूनतम तीन आवेदकों की अनुपस्थिति के कारण बोली मूल्यांकन कंपनी ने उस आवेदन को रद्द कर दिया और सौदा नहीं हुआ.

अक्टूबर 2022 में सरकार ने नया टेंडर जारी किया. इसमें सरकार ने रियायत की अवधि 40 से बढ़ाकर 60 साल करने की पेशकश की. साथ ही ओटीटी प्लेटफार्मों और वीएफएक्स स्टूडियो जैसी नई संस्थाओं को अपने कार्यालय स्थापित करने की अनुमति भी दी. लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ.

दूसरे टेंडर के बाद भी किसी एजेंसी के आगे न आने के बाद सरकार ने आंतरिक रूप से परियोजना को चार चरणों में विभाजित करने का फैसला किया. इसमें प्रत्येक चरण में 250 एकड़ जमीन को विकसित किया जाना है. हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी.

YEIDA के सीईओ सिंह ने कहा कि पहले चरण का काम पहले पांच सालों के लिए 250 एकड़ के पार्सल पर शुरू होगा, उसके बाद दूसरा चरण और आगे के चरणों के लिए काम किया जाएगा.

बॉलीवुड की राय

जनवरी में आदित्यनाथ ने मुंबई में फिल्मी हस्तियों के साथ बैठक की थी, जिसमें ग्रेटर नोएडा में फिल्म इंडस्ट्री को कैसे विकसित किया जाए, इस पर सुझाव मांगे थे.

इस कार्यक्रम में मौजूद अभिनेता सुनील शेट्टी ने #BoycottBollywood ट्रेंड के बारे में चिंता जताते हुए कहा था कि ‘यह बंद होना चाहिए और अगर आप नेतृत्व करते हैं तो यह संभव हो सकता है’. उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को लेकर बनी धारणा को भी बदलने की जरूरत है.

अभिनेता ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘हम ड्रग्स नहीं लेते हैं. और ऐसा नहीं है कि हम दिन भर बुरा काम करते हैं. हर जगह गंदगी होती है, लेकिन हर कोई उसका हिस्सा नहीं होता है.’

सुधीर मिश्रा ने कहा, यह भारतीय फिल्म उद्योग का ‘विलियन-इफिकेशन’ था. और यह भी एक कारण था कि ‘फिल्म सिटी’ परियोजना शुरू नहीं हो पा रही थी.

उन्होंने कहा कहा, ‘किसी भी इंडस्ट्री का विलेन-इफिकेशन सही नहीं है. इंडस्ट्री में लगभग 90 प्रतिशत लोग मेहनती, अपने काम में माहिर और रचनात्मक हैं.’


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पहला इच्छुक खरीदार, योगी का एक प्रशंसक

ग्रेटर नोएडा में YEIDA कार्यालय में अनुभवी फिल्म निर्माता के.सी. बोकाडिया ने शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन सहित जानी-मानी हस्तियों की 60 फिल्मों का प्रदर्शन करते हुए एक बुकलेट खोली.

फूल बने अंगारे और लाल बादशाह के निर्देशक फिल्म इंडस्ट्री के पहले सदस्य हैं, जो 250 एकड़ के भूखंड में दिलचस्पी रखते हैं.

उनका इरादा यहां एक फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और एक स्टूडियो तैयार करना है. उन्होंने स्थानीय लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया है.

बोकाडिया अपनी आने वाली फिल्म का पोस्टर दिखाने के लिए अपने फोन में स्क्रॉल करते हुए कहते हैं, ‘हस्ताक्षर की शूटिंग के दौरान मैं लखनऊ में सीएम योगी से मिला था. उनका घर एक मंदिर की तरह है और वह एक पुजारी (संत) है. मैं उनसे बहुत प्रभावित हूं.’ उनकी इस फिल्म में अनुपम खेर सहित अन्य कई कलाकार हैं.

उन्होंने कहा, ‘सीएम के साथ बातचीत के दौरान मैंने उन्हें बताया था कि कोई भी इस 1,000 एकड़ जमीन में निवेश नहीं करेगा. यह संभव नहीं है. यहां तक कि 250 एकड़ जमीन भी एक बड़ी बात है. फिल्म इंडस्ट्री बदल गई है और अब सब कुछ स्मार्टफोन पर हो सकता है.’

बोकाड़िया इसी साल फिल्म सिटी में काम शुरू करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘एक महीने के भीतर मैं आधारशिला रखूंगा और काम शुरू हो जाएगा.’

हालांकि यूपी सरकार ने बोली प्रक्रिया को 31 मार्च तक खुला रखा था, लेकिन अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बोकाडिया के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया या नहीं.

(अनुवाद: संघप्रिया मौर्या | संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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