scorecardresearch
Wednesday, 6 November, 2024
होमदेशपहले 3 करोड़ लोगों को मुफ्त टीके, निर्वाचित प्रतिनिधि प्राथमिकता नहीं, मोदी ने CMs को कहा

पहले 3 करोड़ लोगों को मुफ्त टीके, निर्वाचित प्रतिनिधि प्राथमिकता नहीं, मोदी ने CMs को कहा

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान कहा, देश में तैयार दोनों टीके किफायती हैं और देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 की वर्तमान स्थिति तथा 16 जनवरी से देशभर में आरंभ हो रहे टीकाकरण अभियान की तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि देश में तैयार दोनों टीके किफायती हैं और देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं.

पीएम ने एलान किया की पहले चरण में हमारी प्राथमिकता अग्रिम पंक्ति में खड़े 3 करोड़  लोगों को कोविड वैक्सीन मुफ्त लगाना है, उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधि इस समूह में नहीं आते हैं.

पीएम ने कहा कि भारत में अगले कुछ महीनों में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगा और टीकाकरण के लिए राज्यों के साथ सलाह के बाद प्राथमिकताएं भी तय कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि सबसे पहले कोरोना योद्धाओं का टीकाकरण होगा और उसके बाद अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को कोरोना का टीका लगेगा.

पीएम ने कहा, ‘ पहले दो दौर में 3 करोड़ अग्रिम पंक्ति के लोग लोग हैं. हमलोगों को जागरूकता पैदा करनी है और अधिक से अधिक जागरुकता इसी दोनों दौर में ही फैलाई जा सकती है.’

पीएम ने कहा, मेरी सलाह है कि पहले कोरोना वॉरियर्स और दूसरे फ्रंटलाइन पर काम करने वाले कर्मचारी को टीका लगाया जाए.’ उन्होंने ये बातें इसलिए कहीं क्योंकि कुछ राज्यों के राजनीतिक प्रतिनिधी जिनमें पंचायत के सदस्य और सांसद भी शामिल हैं खुद को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता बताते हुए वैक्सीन लगाए जाने की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि देश अब कोरोना के खिलाफ जंग के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच संवाद और सहयोग ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है और यह सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है.

उन्होंने कहा, ‘अब हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है. 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो रही है. जिन दो टीकों के आपात इस्तेमाल के लिए अनुमति मिली है, वह दोनों ही मेड इन इंडिया हैं.’

 


यह भी पढ़ें: Covaxin पर ICMR के शीर्ष विज्ञानी बोले-महामारी के समय Vaccine की मंजूरी प्रक्रिया बदलनी होगी


प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने बड़े देश में लगभग सभी जिलों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया गया, वह देश की क्षमता को दिखाता है.

उन्होंने कहा, ‘भारत में पहले से भी यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चल रहे हैं उन अनुभवों को इस टीकाकरण अभियान के साथ जोड़ा गया है. चुनाव में जिस तरह बूथ स्तर की रणनीति हमने बनाई है, उसका अनुभव यहां भी काम आएगा.’

उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा टीकाकरण शुरू कर दिए जाने के बाद यह सवाल उठाए गए कि भारत में क्यों देरी हो रही है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने तब भी कहा था कि साइंटिफिक कम्युनिटी के सलाह से हम काम करेंगे. हमारे दोनों वैक्सीन कॉस्ट इफेक्टिव हैं, यह वैक्सीन भारत की परिस्थितियों को देखते हुए निर्मित की गई हैं. देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय ने सभी सावधानियां बरती हैं.’

हाल ही में भारत के औषधि नियामक से स्वदेश में विकसित टीके को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद यह प्रधानमंत्री का सभी मुख्यमंत्रियों के साथ पहला संवाद था.

कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर मुख्यमंत्रियों से वार्ता की थी.

भारत में कोरोना के टीकाकरण को लेकर व्यापक अभियान की तैयार चल रही है. इस सिलसिले में शुक्रवार को देश भर में पूर्वाभ्यास भी किया गया था.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये रविवार को भारत के औषधि नियामक की ओर से मंजूरी दी गई थी.


यह भी पढ़ें: मोदी की कोविड पाठशाला में राज्यों के मुख्यमंत्री एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पाठ सीख रहे


 

share & View comments