नई दिल्ली: लगभग 30 करोड़ लोग या फिर कहें भारत में एक तिहाई मोबाइल फोन उपयोगकर्ता, मार्च 2025 तक 5G सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, जबकि शेष दो-तिहाई लोग 4G तकनीक का उपयोग करना जारी रखेंगे. इसकी जानकारी CRISIL रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है. अभी भारत में 2-2.5 करोड़ लोगों के 5G सेवाओं का उपयोग करने का अनुमान है.
5G को अपनाने में वृद्धि से वित्तीय वर्ष 2025 तक प्रति ग्राहक प्रति माह औसत इंटरनेट डेटा उपयोग को 28-30 गीगाबाइट (GB) तक बढ़ाने की उम्मीद है, जो वर्तमान में लगभग 20 GB है. यह ओवर-द-टॉप स्ट्रीमिंग सेवाओं को अपनाने से प्रेरित है.
CRISIL रेटिंग्स के निदेशक नवीन वैद्यनाथन ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘वर्तमान में, भारत में सालाना यूज होने वाले 15-17 करोड़ स्मार्टफोन में से लगभग 30-35 प्रतिशत 5G-सक्षम हैं. जबकि 5G स्मार्टफोन शिपमेंट की हिस्सेदारी में धीरे-धीरे सुधार होगा. वित्तवर्ष 2025 तक 30 करोड़ उपयोगकर्ताओं को 5G फोन चलाने पर प्रतिबंधित कर देगा. दूसरे शब्दों में, इसका मतलब यह है कि वित्त वर्ष 2025 तक देश में केवल एक तिहाई डेटा उपयोगकर्ता 5G सेवाओं से जुड़ेंगे.’
रिसर्च एजेंसी ने बताया कि टेलीकॉम कंपनियां भारत भर में 5G रोल-आउट की होड़ में हैं. अक्टूबर 2022 से 300 से अधिक शहरों में पहले ही सेवा शुरू हो चुकी है. हालांकि, इसकी गति तभी बढ़ेगी जब उपभोक्ताओं के लिए अधिक 5G उपयोग के मामले सामने आएंगे.
स्मार्ट क्लास, सटीक खेती और बुद्धिमान परिवहन प्रणालियों जैसे 5जी के उपयोग के मामलों की अधिकता की पहचान के बावजूद, प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर नेटवर्क के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार पर टिका है, जो अगले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे होने वाला है. .
तब तक, CRISIL रेटिंग्स ने कहा, 5G सेवाओं को अपनाना मोटे तौर पर टेलीकॉम द्वारा प्रस्तावित प्रौद्योगिकी-तटस्थ टैरिफ द्वारा संचालित होगा.
इसमें कहा गया है कि यूजर्स के बीच 5जी डिवाइस इकोसिस्टम की पैठ भी 5जी सेवाओं को अपनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी.
इसके अतिरिक्त, 5G सेवाओं के ग्राहक डेटा खपत को बढ़ावा देंगे क्योंकि वे बेहतर गति के लिए उच्च डेटा पैक को अपग्रेड करेंगे, जो दूरसंचार कंपनियों के लिए प्रति उपयोगकर्ता कुल औसत राजस्व (ARPU) को बढ़ाएगा.
CRISIL रेटिंग्स के टीम लीडर रौनक अग्रवाल ने कहा, ‘भारत पहले से ही सबसे अधिक डेटा खपत करने वाले देशों में से एक है. 5G ओवर-द-टॉप स्ट्रीमिंग सेवाओं और ऑनलाइन गेमिंग को अपनाने में तेजी ला सकता है, जिससे डेटा की मांग और बढ़ेगी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘नतीजतन, वर्तमान में लगभग 20 जीबी से वित्तीय वर्ष 2025 तक प्रति ग्राहक प्रति माह औसत डेटा उपयोग लगभग 28-30 जीबी तक बढ़ने की उम्मीद है. हम डेटा मांग, पोस्ट-पेड सब्सक्रिप्शन की बढ़ती हिस्सेदारी और मध्यम अवधि में एआरपीयू को लगभग 250 रुपये तक बढ़ाने वाले टैरिफ संशोधनों के कारण ग्राहकों की संख्या में वृद्धि देखते हैं.’
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