नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के कारण बंद किये गये अधिकतर स्कूल सोमवार को नौंवी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए फिर से खुल गए। जबकि कुछ निजी स्कूल अभी भी माता-पिता की सहमति और परिवहन उपलब्धता जैसे तौर-तरीकों पर काम कर रहे है।
कोविड-19 के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने सात फरवरी से नौंवी से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूलों के साथ-साथ उच्च शैक्षणिक संस्थानों और ‘कोचिंग सेंटर’ को फिर से खोलने का शुक्रवार को फैसला किया था। इसके साथ ही 14 फरवरी से नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं फिर से शुरू करने का भी फैसला किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में सुबह-सुबह बच्चे मास्क पहने स्कूल जाते नजर आए। एक निजी स्कूल में एहतियाती तौर पर बच्चों के बस्तों को रोगाणुमुक्त भी किया गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर विभिन्न स्कूलों में बच्चों के स्वागत की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘बच्चों को वापस स्कूल में देखकर बहुत ख़ुशी हो रही है। बच्चे भी बेचारे परेशान हो गए। भगवान ना करे अब दोबारा स्कूल बंद करने की ज़रूरत पड़े। ’’
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ स्कूलों का दौरा किया और वहां छात्रों से बातचीत की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली के स्कूल आखिरकार खुल गए हैं। बच्चों की वापसी के साथ स्कूलों में रौनक लौट आई है।’’
इस बीच, कुछ निजी स्कूल सोमवार को नहीं खुलें।
एक निजी स्कूल की उप प्रधानाचार्य ने कहा, ‘‘हमने स्कूल नहीं खोले, क्योंकि अभी कुछ काम बाकी हैं। बोर्ड की कक्षाओं की परीक्षाएं नजदीक हैं और इसलिए छात्रों की उपस्थिति कम ही रहेगी। छात्रों को परिवहन सुविधा मुहैया कराना भी एक समस्या है, इसलिए हम अब भी इस पर काम कर रहे हैं। हम दो दिन में इसका हल निकाल लेंगे।’’
कोविड-19 के प्रकोप के कारण लंबे समय तक बंद रहने के बाद स्कूलों को पिछले साल कुछ दिनों के लिए ही खोला जा सका था। कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के कारण आई कोविड-19 की तीसरी लहर के चलते 28 दिसंबर से स्कूल फिर से बंद कर दिए गए थे।
तिलक नगर के एक सरकारी स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा सिमरन ने कहा, ‘‘लंबे समय के बाद वापस आकर अच्छा लग रहा है। जब स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश आया, तो हमारे माता-पिता आशंकित थे क्योंकि कोरोना वायरस के मामले अभी भी सामने आ रहे है लेकिन हमने उन्हें हमें स्कूल भेजने के लिए मना लिया। ऑनलाइन कक्षाओं में, हम चीजों को समझ सकते हैं लेकिन शिक्षण का भौतिक तरीका बेहतर है क्योंकि हम उन चीजों को नहीं भूलते है जो हमें कक्षाओं में पढ़ाया जाता हैं।’’
उसकी शिक्षिका रूपा राजपूत ने कहा, ‘‘आज उपस्थिति 50 प्रतिशत है। मुझे लगता है कि यह कल तक बढ़ जाएगी। स्कूलों के लंबे समय तक बंद रहने के साथ, छात्र जल्दी उठने और स्कूल आने की कवायद भूल गए हैं। ऑनलाइन कक्षाओं के साथ, वे देर से उठ सकते हैं और लॉग इन कर सकते हैं। परीक्षाएं नजदीक हैं और ऑफलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने से हमें पाठ्यक्रम पूरा करने में मदद मिलेगी।’’
केन्द्र ने अपने दिशानिर्देशों से छात्रों के स्कूल परिसर में कक्षाएं लेने के लिए माता-पिता की सहमति की अनिवार्यता को हटा दिया है और इसे राज्यों पर छोड़ दिया है। दिल्ली सरकार ने अब भी इस नियम को जारी रखा है। स्कूलों में 50 प्रतिशत छात्र संख्या की कोई सीमा नहीं है और स्कूल अपने बुनियादी ढांचे के आधार पर छात्रों की संख्या तय करने के लिए स्वतंत्र हैं, ताकि कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन किया जा सके।
भजनपुरा में कक्षा 10वीं के छात्र हर्ष ने कहा, ‘‘मैं उत्साहित हूं। हमारे स्कूल ने बुधवार से कक्षाएं फिर से शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि कई व्यवस्थाएं करने की जरूरत है। वे हाइब्रिड कक्षाओं की पेशकश करेंगे। मैं असमंजस में हूं कि मुझे ऑफलाइन कक्षाओं में जाना है या ऑनलाइन कक्षाएं लेनी हैं क्योंकि मुझे अभी टीका नहीं लगा है।’’
दिलशाद गार्डन के एक सरकारी स्कूल के छात्र प्रियांशु सिंह ने कहा, ‘‘हम स्कूल जाने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि अंतिम परीक्षा नजदीक आ रही है। महामारी ने न केवल हमारे दैनिक जीवन बल्कि हमारी पढ़ाई को भी प्रभावित किया है। हर कोई ऑनलाइन कक्षाओं के बजाय ऑफलाइन तरीके से पढ़ाई करना पसंद करता है।’’
दिल्ली सरकार के एक स्कूल की छात्रा पूजा सिंह ने कहा, ‘‘ऑनलाइन पढ़ाई करना एक काम बन गया है, लेकिन ऑफलाइन ऐसा लगता है कि हम वास्तव में पढ़ रहे हैं। हमारे पास एक दिनचर्या है, तरोताजा महसूस करते हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार फिर से किसी भी स्कूल को बंद नहीं करेगी।’’
शहर में सोमवार से कॉलेज भी खुलें, क्योंकि डीडीएमए ने ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने का फैसला किया है।
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कक्षाएं सोमवार से परिसर में शुरू हो गईं, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय की अब भी ‘ऑनलाइन’ कक्षाएं जारी हैं।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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