scorecardresearch
शुक्रवार, 13 जून, 2025
होमदेशस्कूली नौकरी : बंगाल के शिक्षा विभाग का उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका की पोषणीयत पर सवाल

स्कूली नौकरी : बंगाल के शिक्षा विभाग का उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका की पोषणीयत पर सवाल

Text Size:

कोलकाता, 23 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष एक अवमानना ​​याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाया, जिसमें राज्य में करीब 26,000 स्कूली नौकरियों के संबंध में उसके आदेश का पालन नहीं करने का दावा किया गया था।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि शिक्षा विभाग ने उन 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड नहीं की है, जिन्होंने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी है, जिसमें कुछ संशोधनों के साथ उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा गया था।

शिक्षा विभाग के वकील ने न्यायमूर्ति देबांगसू बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की पीठ के समक्ष दलील दी कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के कुछ निर्देशों को संशोधित किया है, इसलिए अवमानना की याचिका केवल शीर्ष अदालत के समक्ष ही दायर की जा सकती है।

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने भी इसी आधार पर उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना ​​आवेदन की पोषणीयता पर सवाल उठाया।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि चूंकि शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के निर्देशों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, इसलिए उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना ​​याचिका दायर की जा सकती है।

अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई सोमवार को फिर से की जाएगी।

याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय द्वारा 22 अप्रैल, 2024 को दिये निर्णय और इस वर्ष तीन अप्रैल और 17 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘संशोधित’ निर्णय के उल्लंघन की शिकायत करते हुए उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना ​​याचिका दायर की।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि तीन हार्ड डिस्क में उपलब्ध ओएमआर शीट को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की वेबसाइट पर ‘तुरंत’ अपलोड नहीं किया गया है और इसे जनता के देखने के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जैसा कि इस पीठ ने आदेश दिया था।

भाषा धीरज शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments