गया: बिहार में गर्मी का कहर बनकर टूटी है. चिलचिलाती धूप से बचाने के लिए राज्य के गया जिले में धारा 144 लगानी पड़ी है. जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारीकर सरकारी/गैर-सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा श्रम कार्य, और किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम या खुले स्थानों पर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश है.
Gaya: District Magistrate issues an order in view of scorching heat under section 144 (prohibiting unlawful assembly); bans governmental/non-governmental construction works, MGNREGA labour work, and any cultural programme or gathering in open spaces, between 11 am to 4 pm. #Bihar pic.twitter.com/gLnR1Y0XeN
— ANI (@ANI) June 17, 2019
स्कूलों को बंद करने का आदेश
वहीं सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को सोमवार को यहां पड़ रही गर्मी की हालात के मद्देनजर 22 जून तक बंद रखने को कहा गया है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने कहा है, ‘राज्य गंभीर और हानिकारक हीटवेव के हालात से गुजर रहा है. छात्रों के लिए घर के अंदर रहना आवश्यक है. इसलिए, अधिकारियों ने इस तरह का निर्णय लिया है.’ बतौर जानकारी, राज्य में अब तक औरंगाबाद में गर्मी से 32 मौतें हुई हैं, जिनमें नवादा से 7 और गया से 17 मौतें हुई हैं.
पूरे देश में सबसे ज्यादा गर्म पटना
स्काइमेट की मौसम रिपोर्टों के अनुसार पटना में पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच गया है, जो शनिवार और रविवार को पूरे देश में सबसे अधिक है.
इंसेफेलाइटिस का टूटा है राज्य में कहर
बता दें कि बिहार एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की एक बड़ी महामारी से भी पीड़ित है, जिसमें सोमवार को मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है.
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में हीटस्ट्रोक के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है, इनमें से 28 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि 7 को मृत लाया गया. 106 मरीजों का इलाज चल रहा है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आज रोगियों का दौरा किया.