नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोनावायसरस के कारण जान गंवाने वाले रोगियों के शवों के साथ उचित व्यवहार ना किए जाने का स्वत: संज्ञान लिया है. शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल सहित राज्य सरकार को इस मामले पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.
A three-judge bench of Supreme Court starts hearing case regarding lapses in proper treatment of #COVID19 patients and dignified handling of bodies after taking suo motu cognisance of the matter.
Justice Shah says,'Dead bodies are being put like this,what is this going on?' pic.twitter.com/Y4nhcQdr5v
— ANI (@ANI) June 12, 2020
एससी ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि वे रोगी प्रबंधन प्रणाली की स्थिति को देखें और उचित स्थिति की रिपोर्ट पेश करें.
न्यायालय ने कोविड-19 के रोगियों की सही तरीके से देखरेख नहीं करने से जुड़े स्वत: संज्ञान वाले एक मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से जवाब मांगा है.
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से कोविड-19 रोगियों और संक्रमित लोगों के शवों के प्रबंधन के लिए उठाये गये कदमों पर 17 जून तक जवाब देने को कहा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि अस्पताल शवों को रखने में उचित ध्यान नहीं रख रहे और यहां तक कि लोगों की मौत के बारे में उनके परिवार वालों को भी सूचित नहीं कर रहे.
जस्टिस शाह कहते हैं, ‘मृत शवों को ऐसे ही रखा जा रहा है, यह क्या चल रहा है?’
उच्चतम न्यायालय ने अस्पतालों में शवों के बीच रहने को मजबूर कोविड-19 रोगियों का जिक्र करते हुए दिल्ली के हालात को ‘भयावह’ बताया.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दिल्ली के सरकारी अस्पताल शवों देखभाल और खयाल नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि मरीजों के परिवारों को भी मौतों के बारे में सूचित नहीं किया जा रहा. कुछ मामलों में, परिवार अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए हैं.