नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली हिंसा से संबंधित मामले को 6 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है. सीजेआई ने हाईकोर्ट से मामले की सुनवाई जल्द से जल्द करने को कहा. शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट को इस पर सुनवाई चार हफ्ते तक टालने को गलत करार दिया.
वहीं उच्चतम न्यायाल ने यहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान नफरत भरा भाषण देने के आरोपों पर कार्यकर्ता हर्ष मंदर से बुधवार को जवाब मांगा और अदालत के खिलाफ उनके बयान को लेकर फटकार लगाई.
मंदर के कथित नफरती भाषणों की जानकारी केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ को दी.
पीठ ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से इस पहलू पर याचिका दाखिल करने और आरोपों पर मंदर के वकील से जवाब दायर करने को कहा.
कानून अधिकारी की दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने कहा, ‘आप इस अदालत के बारे में यह सोचते हैं. इससे पहले कि हम आपको (मंदर के वकील को) सुनें, आप इन आरोपों को देखिए और इन पर जवाब दीजिए.’
सुनवाई की शुरुआत में मेहता ने मंदर के कथित भाषण का संदर्भ दिया जिसमें उन्होंने अदालत के खिलाफ कुछ ‘आपत्तिजनक’ बयान दिए थे.
पीठ ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि आपने इस अदालत के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की हैं.’ साथ ही कहा कि वह हर उस व्यक्ति के बारे में जानना चाहती है जिन्होंने कानून के महत्व को कमतर करने की कोशिश की.
वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने भाजपा नेताओं- अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अभय वर्मा के कथित नफरती भाषणों की ओर इशारा किया.
पीठ ने दोपहर दो बजे मंदर के वकील से जवाब मांगा है और इस संबंध में सुनवाई जारी है.
इस पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं.
Delhi violence matter: CJI says, we want to see peace if it is possible. The Delhi High Court may explore the possibility of a peaceful resolution. https://t.co/FQm2nWCJ3Q
— ANI (@ANI) March 4, 2020
उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय से राष्ट्रीय राजधानी में दंगों से जुड़े मामलों पर अप्रैल से पहले सुनवाई करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट की सीजेआई की बेंच ने दिल्ली हिंसा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए हेट स्पीच के आरोपी अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करने को कहा.
याचिका में हेट स्पीच पर कपिल मिश्रा सहित लोगों पर जल्दी सुनवाई की मांग की गई है. एससी ने हेट स्पीच के सभी मामले हाईकोर्ट ट्रांसफर किए हैं.
मुख्य न्यायधीश एसए बोबड़े ने हर्ष मंदर के आरोपों पर कार्रवाई से मना कर दिया है. कोर्ट ने हर्ष मंदर की वकील करुणा नंदी से कहा कि वह हर्ष मंदर के हेट स्पीच के दावे को गलत साबित करना होगा.
उच्चतम न्यायालय ने कथित घृणा भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने की मांग वाली 10 दंगा पीड़ितों की याचिका को उच्च न्यायालय के पास भेजा.
सीजेआई ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश से आग्रह करते हैं कि दिल्ली हिंसा पर शुक्रवार को सुनवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने चार हफ्ते के बाद सुनवाई की जो तारीख दी है वह न्यासंगत नहीं है.
केंद्र सरकार ने कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ घृणा भाषण के आरोपों को उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में लाया.
दिल्ली हिंसा पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूर्व आईएएस अधिकारी और याचिकाकर्ता हर्ष मंदर की कथित वीडियो क्लिप के बारे में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उल्लेख किया. मेहता ने कहा कि हर्ष मंदर को लोगों को असली न्याय के लिए सड़कों पर बुलाते हुए देखा जा सकता है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान मंदर के कथित भाषण का हवाला दिया, उच्चतम न्यायालय ने विधि अधिकारी से याचिका दायर करने को कहा.
वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया. कोर्ट का कहना है कि अगर वह इस तरह से अदालतों के बारे में सोचते हैं तो उन्हें पहले यह तय करना होगा कि क्या उन्हें सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए.