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Tuesday, 1 April, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने संभल शाही जामा मस्जिद की बाहरी सफेदी पर HC के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार किया

19 नवंबर को स्थानीय अदालत द्वारा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिए जाने के बाद संभल में तनाव बढ़ गया था. जामा मस्जिद के अदालत द्वारा आदेशित सर्वे का विरोध करने वाले लोगों ने पुलिस के साथ झड़प की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को संभल में शाही जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी करने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद समिति को इस काम के लिए होने वाले खर्च की भरपाई करनी चाहिए.

भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हाई कोर्ट ने मस्जिद समिति से किए गए खर्च को वसूलने की अनुमति देकर कानून में त्रुटि की है. हाई कोर्ट ने मार्च में अपने आदेश में एएसआई को संभल जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से पर एक सप्ताह के भीतर सफेदी करने का निर्देश दिया था, जहां पर पपड़ी दिखाई दे रही है और सफेदी की जरूरत है.

सुप्रीम कोर्ट सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि विवादित ढांचे से संबंधित एक मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है.

याचिका में कहा गया है, “यह याचिकाकर्ता के भक्त होने के नाते विवादित ढांचे को भगवान कल्कि का हरि हर मंदिर होने का दावा करने के अधिकार को नुकसान पहुंचाएगा. इसलिए, याचिकाकर्ता ने इस अदालत के समक्ष तत्काल याचिका दायर की है, जो सार्वजनिक महत्व के कानून का सवाल उठाती है.”

इसमें पूछा गया है, “क्या एएसआई को हरि हर मंदिर, संभल जैसे स्मारकों या विवादित ढांचे के रखरखाव के लिए धन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, जिस पर जामी मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है.”

मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा मस्जिद की सफेदी और सफाई की अनुमति मांगने वाली याचिका पर हाई कोर्ट का आदेश आया. हाई कोर्ट ने आगे कहा कि दीवारों पर कोई अतिरिक्त रोशनी नहीं लगाई जाएगी, क्योंकि इससे स्मारक को नुकसान हो सकता है, लेकिन मस्जिद के बाहरी क्षेत्र को रोशन करने के लिए एएसआई द्वारा फोकस लाइट या एलईडी लाइट के रूप में बाहरी रोशनी का उपयोग किया जा सकता है.

पिछले साल नवंबर 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, और निर्देश दिया था कि जब तक सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में सूचीबद्ध नहीं हो जाती, तब तक मामले की सुनवाई न की जाए.

19 नवंबर को स्थानीय अदालत द्वारा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिए जाने के बाद संभल में तनाव बढ़ गया था. जामा मस्जिद के अदालत द्वारा आदेशित सर्वे का विरोध करने वाले लोगों ने पुलिस के साथ झड़प की, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई. सर्वे स्थानीय अदालत में कुछ लोगों द्वारा दायर एक याचिका के बाद किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का स्थल पहले हरिहर मंदिर था, जो भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को समर्पित था, और मंदिर को ध्वस्त करने के बाद 1526 में बनाया गया था.


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