नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गौहाटी हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें एक मोटर वाहन में लगभग 13 किलोग्राम मॉर्फिन रखने के आरोपी दो लोगों को जमानत दी गई थी.
चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी के साथ शुक्रवार को दोनों आरोपियों को जमानत देने के गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया.
गुवाहाटी हाई कोर्ट ने खलील उद्दीन और मोहम्मद अब्दुल है उर्फ अब्दुल है तालुकदार नाम के आरोपियों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के तहत दर्ज अपराध के संबंध में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 21 (सी) के साथ पठित 29 के मामले में जमानत दी थी.
करीब एक साल तक हिरासत में रहने के बाद हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया था. उक्त आरोपियों को राहत प्रदान करने पर सवाल उठाते हुए एनसीबी ने तत्काल अपील की है.
कोर्ट ने कहा, ‘रिकॉर्ड से जो बात सामने आती है वह यह है कि मोहम्मद जाकिर हुसैन द्वारा चलाई जा रही एक कार में लगभग 13 किलोग्राम मॉर्फिन वजनी भारी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया था. क्या उक्त मोहम्मद जाकिर हुसैन द्वारा निभाई गई भूमिका दोनों आरोपियों से जुड़ सकती है, यह एक सवाल है.’
अदालत ने कहा, ‘हमारे विचार से, अधिनियम की धारा 37 के जनादेश के सामने, हाई कोर्ट आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं कर सकता था और न ही करना चाहिए था.’
बेंच ने कहा, ‘इसलिए हम इन अपीलों को अनुमति देते हैं, हाई कोर्ट के विचार को खारिज करते हैं और निर्देश देते हैं कि दोनों अपीलकर्ताओं को तुरंत हिरासत में लिया जाए.’
अदालत ने यह भी नोट किया कि आरोप पत्र दायर किया गया है और इसलिए ट्रायल कोर्ट को इस मामले को लेने और इस आदेश की प्राप्ति से छह महीने के भीतर जल्द से जल्द कार्यवाही समाप्त करने का निर्देश दिया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, एक मोटर वाहन में लगभग 13 किलोग्राम मॉर्फिन वजनी प्रतिबंधित सामग्री मिली थी, जिसे मोहम्मद जाकिर हुसैन नाम के एक सह-आरोपी ने चलाया था.
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