scorecardresearch
Wednesday, 16 July, 2025
होमदेशन्यायालय ने पांच साल के विधि पाठ्यक्रम की समीक्षा से संबंधित पीआईएल को लंबित याचिका से जोड़ा

न्यायालय ने पांच साल के विधि पाठ्यक्रम की समीक्षा से संबंधित पीआईएल को लंबित याचिका से जोड़ा

Text Size:

नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने देश में पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रमों की समीक्षा के लिए विधि शिक्षा आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन के अनुरोध से संबंधित जनहित याचिका (पीआईएल) को लंबित याचिका के साथ जोड़ने का शुक्रवार को आदेश दिया।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मामले में नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए याचिका पर ऐसी ही एक याचिका के साथ सुनवाई करने पर सहमति जताई।

पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह से कहा, “आप चाहते हैं कि हम सरकार को नीति बनाने का निर्देश दें। हम इस याचिका को दूसरी याचिका से जोड़ेंगे। नोटिस जारी नहीं करेंगे।”

अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी व्यावसायिक व शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया गया है, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मौजूदा पाठ्यक्रमों बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) और मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) की अवधि की समीक्षा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया ।

जनहित याचिका में कहा गया है कि बीए-एलएलबी और बीबीए-एलएलबी पाठ्यक्रमों की पांच वर्ष की अवधि से छात्रों पर अत्यधिक वित्तीय बोझ पड़ता है।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments