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रविवार, 1 जून, 2025
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नजफगढ़ झील के कायाकल्प की मांग वाली याचिका पर न्यायालय ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया

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नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा, जिसमें नजफगढ़ झील के पुनरुद्धार का मुद्दा उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली एक समिति को सौंपा गया था।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर आप सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।

पीठ ने कहा, ”नोटिस जारी कीजिए। 24 जुलाई, 2023 तक जवाब दिया जाए।”

याचिकाकर्ता इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) की ओर से पेश वकील आकाश वशिष्ठ ने कहा कि एनजीटी एनजीओ द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने में विफल रही और मामले को प्रदूषण के एक साधारण मामले में बदल दिया।

इंटैक एक गैर-लाभकारी संगठन है जो धरोहर जागरूकता और संरक्षण के लिए समर्पित है।

शीर्ष अदालत एनजीटी के 16 फरवरी के उस आदेश के खिलाफ एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें झील के कायाकल्प का मुद्दा उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता वाली एक समिति को सौंप दिया गया था।

एनजीओ ने दिल्ली और हरियाणा सरकारों को दिल्ली तथा हरियाणा के गुरुग्राम में फैली नजफगढ़ झील को जल निकाय/आर्द्रभूमि घोषित करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है।

आवेदक के अनुसार, झील के डूब क्षेत्र में लगातार हो रहे अतिक्रमण और निर्माण से इसे गंभीर खतरा है।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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