नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल सरकारों को त्रि-भाषा नीति सहित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत राज्य सरकारों को ऐसे निर्देश जारी नहीं कर सकती।
पीठ ने शुक्रवार को पारित आदेश में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 32 के माध्यम से नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी कर सकता है। वह किसी राज्य को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 जैसी नीति अपनाने के लिए सीधे तौर पर बाध्य नहीं कर सकता।’’
इसने कहा, ‘‘हालांकि, अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित किसी राज्य की कार्रवाई या निष्क्रियता किसी मौलिक अधिकार या किसी अन्य कानूनी अधिकार का उल्लंघन करती है, तो अदालत हस्तक्षेप कर सकती है। हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर इस रिट याचिका में इस मुद्दे की पड़ताल करने का प्रस्ताव नहीं रखते ।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता का उस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है जिसका वह समर्थन करना चाहता है।
पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि वह तमिलनाडु राज्य से हो सकता है, फिर भी, उसकी स्वयं की स्वीकारोक्ति के अनुसार, वह अब नयी दिल्ली में रह रहा है। मुख्य मुद्दे की पड़ताल इस अदालत द्वारा उचित कार्यवाही में की जा सकती है, लेकिन कम से कम इस विशेष याचिका में नहीं।’’
शीर्ष अदालत अधिवक्ता जीएस मणि द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
भाषा
नेत्रपाल नरेश
नरेश
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