scorecardresearch
Sunday, 3 November, 2024
होमदेशसेंट्रल विस्टा मामले में SC ने प्लॉट के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

सेंट्रल विस्टा मामले में SC ने प्लॉट के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनरुद्धार परियोजना में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है

Text Size:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उस प्लॉट के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली एक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया जहां लुटियंस दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में उपराष्ट्रपति का नया आधिकारिक आवास बनेगा.

जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार की बेंच ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा पर्याप्त स्पष्टीकरण दिए गए हैं जो प्लॉट के भूमि उपयोग में परिवर्तन को सही ठहराते हैं.

बेंच ने कहा, ‘हमें इस मामले की और जांच करने का कोई कारण नहीं मिला और इसलिए इस याचिका को खारिज करके पूरे विवाद को खत्म कर रहे हैं.’

सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनरुद्धार परियोजना में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है जब देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.

दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी तक फैली परियोजना के तहत 2024 तक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है.

सुप्रीम कोर्ट प्लॉट संख्या एक के भूमि उपयोग को मनोरंजन क्षेत्र से आवासीय क्षेत्र में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.


यह भी पढ़ें: सेंट्रल विस्टा भूमि के इस्तेमाल में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर 16 नवंबर को होगी सुनवाई


 

share & View comments