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Thursday, 19 December, 2024
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नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला, केंद्र और RBI से मांगे रिकॉर्ड

शीर्ष अदालत आठ नवंबर 2016 को केंद्र द्वारा घोषित नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर फैसले को सुरक्षित रखा है. शीर्ष अदालत ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को बुधवार को निर्देश दिया कि वे सरकार के 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड पेश करें.

जस्टिस एस ए नज़ीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी, आरबीआई के वकील और याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनीं और अपना फैसला सुरक्षित रखा.

इनमें वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम और श्याम दीवान शामिल थे.

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा, ‘मामले को सुना गया. फैसला सुरक्षित रखा जाता है. भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के वकीलों को संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया जाता है.’

अटॉर्नी जनरल ने पीठ के समक्ष कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में प्रासंगिक रिकॉर्ड जमा करेंगे.

शीर्ष अदालत आठ नवंबर 2016 को केंद्र द्वारा घोषित नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.

नोटबंदी के फैसले पर विपक्षी पार्टियां लगातार निशाना साधती रहा हैं वहीं इसे एक असफल कदम भी बताती रही है. वहीं केंद्र सरकार इसे एक अच्छा फैसला बताती है और इसे डिजिटल पेमेंट बढ़ने का कारण भी बताती है.

बता दें कि 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)


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