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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशSC ने बाघिन अवनि को मारने वालों को ईनाम देने वाले महाराष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ मामला बंद किया

SC ने बाघिन अवनि को मारने वालों को ईनाम देने वाले महाराष्ट्र के अधिकारियों के खिलाफ मामला बंद किया

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने डोगरा से कहा कि राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि नरभक्षी बाघिन को मारने के फैसले को इस अदालत से मंजूरी प्राप्त थी.

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने यवतमाल जिले में 2018 में कथित नरभक्षी बाघिन ‘अवनी’ को मारने वाले व्यक्तियों को पुरस्कृत करने पर महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अवमानाना कार्यवाही के आग्रह से संबंधित मामला शुक्रवार को बंद कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने पशु अधिकार कार्यकर्ता संगीता डोगरा को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी. पहले पीठ ने महाराष्ट्र के प्रधान सचिव विकास खड़गे और आठ अन्य के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए नोटिस जारी किया था.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने डोगरा से कहा कि राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि नरभक्षी बाघिन को मारने के फैसले को इस अदालत से मंजूरी प्राप्त थी.

पीठ ने कहा, ‘हम नहीं कह सकते कि बाघिन नरभक्षी नहीं थी और हम इस अदालत के पिछले फैसले की समीक्षा नहीं कर सकते.’

इसने कहा कि यदि ग्रामीणों ने यह सोचकर जश्न मनाया कि उन्हें बाघिन के मारे से जाने से राहत मिल गई है तो इसका अधिकारियों द्वारा संज्ञान कैसे लिया जा सकता है.

हालांकि डोगरा ने कहा कि अदालत के सामने सही तथ्य नहीं रखे गए.

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर कैसे गौर कर सकती है जब बाघिन को उचित प्रक्रिया के तहत मारा गया.

इसने कहा कि अधिकारियों ने शपथ लेकर कहा है कि उन्होंने बाघिन के मारे जाने के बाद जश्न नहीं मनाया.

पीठ ने डोगरा से कहा, ‘हमारे पास बेहतर मामला लाएं. अगली बार आप पहले से आएं जिससे कि हम आपकी मदद कर सकें. या तो आप याचिका वापस लें, अन्यथा हम इसे खारिज कर देंगे.’

डोगरा ने कहा कि वह अपनी याचिका वापस लेंगी.

दस फरवरी को शीर्ष अदालत ने कथित नरभक्षी बाघिन को मारने वालों को पुरस्कृत करने पर खड़गे और आठ अन्य के खिलाफ अवमानना कार्यवाही का आग्रह करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था.

डोगरा ने दावा किया था कि बाघिन नरभक्षी नहीं थी और यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्पष्ट है.

महाराष्ट्र के यवतमाल में दो नवंबर, 2018 को बाघिन ‘अवनी’ या टी 1 को गोली मारकर मार डाला गया था. उसके बारे में कहा गया था कि उसने दो साल में 13 लोगों को मार डाला.


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