(बेदिका)
नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) ब्रिटिश-भारतीय फिल्म निर्माता संध्या सूरी ने कहा कि उनकी पहली फीचर फिल्म ‘संतोष’ गहन रूप से राजनीतिक है जो ऑस्कर पुरस्कार के लिए ब्रिटेन की आधिकारिक प्रविष्टि है।
संध्या अपनी फिल्म में इस बात को लेकर सावधान थीं कि दो महिला पुलिसकर्मियों के इर्द-गिर्द बुनी गई कहानी कहीं ‘उपदेशात्मक’ न बन जाए।
उत्तर भारत के अंदरुनी इलाकों पर आधारित यह फिल्म एक विधवा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका किरदार शहाना गोस्वामी ने निभाया है। विधवा को दिवंगत पति की जगह पुलिस कांस्टेबल की नौकरी मिल जाती है। इसके बाद वह और एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक (सुनीता राजवार) जल्द ही एक दलित किशोरी के बलात्कार और हत्या की जांच में शामिल हो जाती हैं।
सूरी ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरी फिल्म महिलाओं की भूमिका और हम कहां हैं, इसके बारे में पूरी तरह से राजनीतिक है।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि फिल्म के बारे में ‘बहुत अधिक’ बात करने के लिए उनके पास अक्सर शब्द नहीं होते क्योंकि उन्होंने अपनी फिल्म में वह सब कुछ व्यक्त किया जिसे वह विषय के बारे में महसूस करती थीं।’’
सूरी ने कहा कि वह शुरू से जानती थीं कि उनकी पटकथा मजबूत है और उन्हें उम्मीद है कि एक निर्देशक के रूप में वह फिल्म को ‘पटकथा जितनी अच्छी’ बनाएंगी।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश
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