scorecardresearch
सोमवार, 23 जून, 2025
होमदेशसंदेशखालि: न्यायालय ने याचिका पर जवाब देने के लिए लोकसभा सचिवालय, अन्य को दो हफ्ते का वक्त दिया

संदेशखालि: न्यायालय ने याचिका पर जवाब देने के लिए लोकसभा सचिवालय, अन्य को दो हफ्ते का वक्त दिया

Text Size:

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने संसद के निचले सदन की विशेषाधिकार समिति द्वारा तलब किये जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल के शीर्ष नौकरशाहों की एक याचिका पर लोकसभा सचिवालय एवं अन्य को अपना जवाब दाखिल करने के लिए सोमवार को दो हफ्ते का वक्त दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुकांत मजूमदार द्वारा दायर ‘‘दुर्व्यवहार’’ की एक शिकायत को लेकर इन अधिकारियों को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने तलब किया था। यह घटना उस वक्त हुई थी, जब मजूमदार राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित गांव संदेशखालि का दौरा करने करने की कोशिश कर रहे थे।

शीर्ष अदालत ने विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एवं अन्य को जारी नोटिस पर 19 फरवरी को रोक लगा दी थी।

भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़पों के बाद मजमूदार को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। ये झड़पें, भाजपा कार्यकर्ताओं को संदेशखालि का दौरा करने से रोके जाने पर हुई थीं।

मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, तत्कालीन डीजीपी राजीव कुमार, उत्तर 24 परगना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष 19 फरवरी को पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे पेश होने के लिए तलब किया गया था।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने लोकसभा सचिवालय (विशेषाधिकार एवं आचार शाखा) का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, तथा राज्य के अधिकारियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और गोपाल शंकरनारायण की दलीलों का संज्ञान लिया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पक्ष (लोकसभा सचिवालय एवं अन्य) दो हफ्ते में संक्षिप्त नोट दाखिल करें, जो पांच पृष्ठों से अधिक नहीं हो। विषय को ठीक दो हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध किया जाए।’’

न्यायालय ने 19 फरवरी को आदेश दिया था, ‘‘15 फरवरी को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुपालन में आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी…।’’

लोकसभा सचिवालय, लोकसभा की विशेषाधिकार समिति, मजूमदार, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) और गृह मंत्रालय, राज्य के अधिकारियों द्वारा दायर याचिका में प्रतिवादी हैं।

मजूमदार एवं अन्य को संदेशखालि में प्रवेश करने से रोक दिया गया था, जहां महिलाएं तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों द्वारा किये गए कथित उत्पीड़न को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। शेख को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments