नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन अब कल्पवृक्ष की तरह आमजन की हर ज़रूरत पूरी कर रहा है. जीरो बैलेंस खाता, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ई-रजिस्ट्री जैसे इनोवेशन ने सभी का जीवन सरल और सुगम बनाया है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में नई तकनीक पर आधारित ‘‘संपदा-2.0’’ का इनोवेशन ऑनलाइन दस्तावेज़ रजिस्ट्री में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन बनेगा. इसे पूरा देश फॉलो करेगा. पहले प्रदेश में दस्तावेज़ रजिस्ट्रेशन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था, लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे.
सीएम यादव कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के नवीन प्रणाली पर विकसित ‘‘संपदा-2.0’’ पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को दो नए महत्वपूर्ण कार्य सौंपे हैं. इसमें 120 शहरों के जीआईएस कार्य को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से आईटी विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा. साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जीआईएस लैब स्थापित करने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आईटी के क्षेत्र में प्रदेश बहुत उन्नति कर रहा है. आईटी में इनोवेशन के साथ राज्य की सरकार पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाएगी.
‘‘संपदा-2.0’’ की खूबियां बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पोर्टल उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है. इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है. सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेज़ की फॉर्मेटिंग भी होगी.
दस्तावेज़ की रजिस्ट्री के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि घर बैठे ही काम पूरा हो जाएगा. कागज़ातों की सॉफ्टकॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी.
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश लगातार इनोवेशन कर रहा है. इस दिशा में प्रदेश में ‘‘संपदा-2.0’’ की नई व्यवस्था प्रधानमंत्री मोदी की मंशानुरूप ईज़ ऑफ लिविंग को दृष्टिगत रखते हुए लागू की जा रही है. इससे रजिस्ट्री की व्यवस्था सुगम, सरल और भ्रष्टाचार मुक्त बनेगी.
नागरिकों को ई-पंजीयन और ई-स्टाम्पिंग की नवीन प्रणाली का लाभ मिलेगा. लोग घर बैठे अपनी प्रॉपर्टी को बेच भी सकेंगे और रजिस्ट्री करा सकेंगे. इस प्रणाली से प्रदेश के ही नहीं, बल्कि देश के बाहर से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रियां करवाई जा सकेंगी.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ई-पंजीयन और ई-स्टांपिंग के नवीन साफ्टवेयर ‘‘संपदा-2.0’’ का शुभारंभ कर इसका लाभ लेने वाले नागरिकों से वर्चुअल संवाद भी किया. हांगकांग से सुरेन्द्र सिंह चक्रावत ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया कि ‘‘संपदा-2.0’’ के माध्यम से उन्होंने हांगकांग से ही रतलाम में ‘‘पॉवर ऑफ अटार्नी’’ दस्तावेज़ का रजिस्ट्री करवाई है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से वर्चुअल संवाद में स्पेन के मरियानों मटियास ने बताया कि आज तक स्पेन में भी ई-रजिस्ट्री का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. उन्होंने डॉ. यादव को धन्यवाद के साथ कहा कि जो काम स्पेन में नहीं हुआ, वो मध्यप्रदेश ने उनके नेतृत्व में टीम ने करके दिखा दिया है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश मैट्रो रेल कॉर्पोरेशन के वर्क कॉट्रेक्ट का ऑनलाईन पंजीयन ‘‘संपदा-2.0’’ से कॉर्पोरेशन के पदाधिकारियों और दिल्ली में मौजूद स्पेन से आए मरियोनो मटियास अलवरेज अर्स की कंपनी Ayesa Ingeniera Y Arquitecura S.A.U. एवं पुष्पेन्द्र गुप्ता (Ayesa India Pvt Ltd) द्वारा किया गया.
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि देश में रजिस्ट्री की डिजिटल प्रक्रिया में मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य है. मुख्यमंत्री यादव के निर्देशन में ‘‘संपदा-2.0’’ का सरलीकरण एवं सुधार द्रुत गति से हुआ है. प्रदेश की जनता के लिये दस्तावेज़ के ऑनलाइन पंजीयन के पारदर्शी प्रणाली लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है. पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जिलों में सफलतापूर्वक संचालन के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है. इसकी प्रक्रिया पूर्णत: पेपरलेस होने से गलतियों की गुंजाईश नहीं रहेगी. मोबाईल ऐप से किसी भी लोकेशन की गाईड लाइन दर तत्काल प्राप्त होगी. उप-मुख्यमंत्री देवड़ा ने सॉफ्टवेयर बनाने वाली टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंजीयन विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया. कार्यक्रम में ‘‘संपदा-2.0’’ पोर्टल और ऐप पर आधारित फिल्म भी दिखाई गई. मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से स्मृति चिन्ह के रूप में भगवान श्रीकृष्ण का चित्र भेंट किया.